Monday, December 23, 2024

छह बेटियों पर हुए नवजात बेटे को चुराने वाली दो सगी बहनें गिरफ्तार, बच्चा बरामद कर उसकी मां को सौंपा

सहारनपुर। अपराध के इतिहास में नवजात शिशु के उसकी मां की बगल से चोरी किए गए बच्चे को घटना के 36 घंटे के भीतर बरामद करने की लोमहर्षक घटना सामने आई है। बच्चे को चुराने और छिपाने वाली दो सगी बहनों को सहारनपुर की थाना जनकपुरी पुलिस ने स्वाट टीम की सहायता से बच्चे को बरामद किया और दोनों सगी बहनों को गिरफ्तार कर लिया जिन्हें आज कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।

इस मामले में पुलिस टीम का नेतृत्व करने वाले एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने आज सहारनपुर पुलिस लाइन स्थित सभागार में पत्रकारों को पूरे मामले की विस्तृत जानकारी दी। पुलिस और सहारनपुर जिला महिला अस्पताल की अधीक्षक डा. इंदिरा सिंह के मुताबिक 14 अगस्त की सुबह करीब चार बजे थाना बेहट क्षेत्र के गांव पाजराना के निवासी महफूज ने अपनी पत्नी सहरीन को प्रसव के लिए भर्ती कराया था।

जहां पांच बजे सहरीन ने पुत्र को जन्म दिया। उसी दौरान वहां घूम रही एक महिला ने बच्चे होने की जानकारी मिलने पर सहरीन समेत अन्य भर्ती लोगों से यह कहते हुए मित्रतावत संबंध बना लिए कि वह भी इसी अस्पताल में भर्ती है। इसी महिला ने मौका ताड़कर 16 अगस्त की सुबह करीब पांच बजे जब सहरीन गहरी नींद में सोई थी नवजात शिशु को चोरी कर लिया और अंबाला की ट्रेन पकड़कर बच्चे को लेकर वहां पहुंच गई। अंबाला से वह अन्य वाहनों से होती हुई अपनी बहन के पास पंजाब के मोहाली स्थित डेरा बस्सी पहुंच गई। उधर चोरी की घटना के तीन घंटे बाद बच्चे के परिजनों ने थाना जनकपुरी में अज्ञात महिला के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

घटना की जानकारी मिलने पर एसएसपी ने घटना के खुलासे और बच्चे की बरामदगी के लिए एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक के नेतृत्व में टीम गठित की। इस टीम में एसएचओ थाना जनकपुरी सनुज यादव और स्वाट टीम प्रभारी संजीव कुमार समेत आधा दर्जन दरोगा और पुलिसकर्मी शामिल थे। इस पुलिस दल ने बहुत ही तत्परता के साथ जिला अस्पताल से लेकर बच्चे की बरामदगी तक करीब 300 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और उसी के आधार पर पुलिस दल ने डेरा बस्सी जाकर ना केवल नवजात शिशु को सही सलामत बरामद कर लिया। बल्कि चोरी करने वाली महिला आशा रानी (बदला हुआ नाम) और उसकी बहन सुषमा रानी (बदला हुआ नाम) को गिरफ्तार कर लिया।

 पुलिस ने दोनों महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धरा 363 यानि अपहरण और 368 अपहृत बच्चे को छिपाना की धाराओं में मुकदमा कायम कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों महिलाओं से गहनता से पूछताछ की तो पता चला कि जेनेटिक कारणों से इन दोनों विवाहित महिलाओं के कोई संतान नहीं हुई थी। बच्चा चोरी करने वाली महिला आशा रानी पत्नी अभिलाष निवासी यमुनानगर जिला अंबाला को उसके पहले पति ने बच्चा ना होने के  कारण तलाक दे दिया था और दूसरे पति ने भी बच्चा ना होने के कारण इसी पांच अगस्त को उसे घर से निकाल दिया था। यह महिला इस बात से बेहद निराश और मायूश थी कि बच्चा ना होने से समाज के तानो और दोनों पतियों के व्यवहार से दुखी यह महिला खुदकुशी करने के इरादे से यमुनानगर से ट्रेन में बैठकर सहारनपुर आ गई। इसी दौरान उसे चोट लग गई और वह लोगों की सलाह पर जिला अस्पताल पहुंची जहां उसने ओपीडी में अपनी पर्ची बनवाई। वहां उसका अल्ट्रासाउंड भी हुआ और उसने वहीं अपना उपचार भी कराया।

पुलिस और जिला महिला अस्पताल दोनों अधिकारियों के मुताबिक बच्चो चोरी करने वाली महिला जिला अस्पताल में भर्ती तो नहीं हुई और महिला प्रसूती वार्ड के आसपास कहीं डेरा डाले रही और लगातार इस वार्ड में चक्कर लगाती रही। जब उसे यह पता चला कि एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है।

तो इस महिला ने जन्म देने वाली महिला से सहानुभूतिपूर्वक संबंध बना लिए और इस ताक में लगी रही कि वह कब गहरी नींद में सोए और वो उस नवजात शिशु को चुरा ले। बच्चा होने के दो दिन बाद 16 अगस्त की सुबह पांच बजे के करीब महिला चोरनी को मौका मिल गया और जब सहरीन गहरी नींद में सोई थी तो चुपके से आशा रानी इस नवजात शिशु को उठाकर वहां से चंपत हो गई। वह सीधे सहारनपुर रेलवे स्टेशन पहंची और वह अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर बच्चे को लेकर उतरी। अंबाला कैंट से वह महिला टैंपों में सवार होकर पंजाब के मोहाली के डेरा बस्सी में अपनी बहन के घर पहुंच गई और वह बच्चा उसने अपनी बहन को सौंप दिया।

एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि पुलिस ने जिला अस्पताल सहारनपुर से लेकर और बच्चे की बरामदगी स्थल तक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के जरिए बच्चे का सुराग लगा लिया और करीब 40 घंटे  की कड़ी मशक्कत के बाद सहरीन के नवजात शिशु को बरामद कर वापस उसकी गोद में सौंप दिया। पुत्र को छाती से लगातार सहरीन भावुक हो गई। उसने और उसके पति एवं अन्य परिजनों ने उसके लड़ले नवजात को बरामद करने वाली टीम को दुआए दी और आभार जताया। एसएपी की ओर से पुलिस दल को 25 हजार का इनाम देने की घोषणा की गई।

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