नोएडा। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में उबर एप्लीकेशन पर फर्जी आधार कार्ड एवं ड्राईविंग लाईसेन्स एडिट कर स्वयं ही ड्राईवर व राईडर बनकर उबर कंपनी के साथ जालसाजी करते हुए आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाने वाले दो जालसाजों को थाना इकोटेक प्रथम पुलिस ने आज गिरफ्तार किया है। अभियुक्त उबर एप्लीकेशन पर राईड बुक कर कंपनी से पेमेंट लेकर आईडी को ब्लाक कर देते थे। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से फर्जी आधार कार्ड की 500 छाया प्रति, 21 मोबाइल फोन, एक बैग, एक प्रिंटर व एक कार बरामद किया है।
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एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने बताया कि उबर कंपनी की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी कि कोई उनकी कंपनी के साथ जालसाजी कर रहा है। इस मामले की जांच पड़ताल कर रही थाना ईकोटेक प्रथम पुलिस ने आज लोकल इन्टेलिजेन्टस की सहायता से फर्जी आधार कार्ड एवं ड्राईविंग लाईसेन्स एडिट कर खुद ही ड्राईवर व राईडर बनकर राईड बुक कर कंपनी से पैमेन्ट लेकर आईडी ब्लाक करके कम्पनी को नुकसान पहुचाने वाले दो शातिर अभियुक्त मौहम्द उमेर पुत्र नजमुद्दीन तथा मुजफ्फर जमाल पुत्र जाकिर जमाल को घरबरा अण्डरपास के पास से गिरफ्तार किया है।
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उन्होंने बताया कि अभियुक्तगण शातिर किस्म के अपराधी है। जिनके द्वारा कई मोबाइलों के माध्यम से उबर एप्लीकेशन पर ड्राईवर की आईडी बनायी जाती है। यह लोग एक ही आधार कार्ड व ड्राईवर लाईसेंस को ऑनलाइन ऐप की मदद से एडिट करके कई फर्जी आधार कार्ड व ड्राईवर लाइसेंस बनाकर फर्जी आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेन्स को ऊबर ऐप पर अपलोड कर देते हैं। उसके बाद आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेन्स पर गूगल लेंस की मदद से फोटो बदल दी जाती थी। आईडी तैयार होने के बाद इनके द्वारा पहले 8-10 छोटी-छोटी राइड पूर्ण की जाती है जिसके बाद ये लोग उबर के भरोसेमन्द बन जाते हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा राइडर को लोन के तौर पर कुछ धनराशि दी जाती है। उसके बाद एक लंबी राइड रिजर्व व प्री बुकिंग राइड पहले से ही बुक कर देते हैं। इसके बाद ओटीपी लेकर उबर ड्राईवर वाली आईडी में डालकर बिना यात्रा किए 20-30 किमी. यात्रा का कंपनी से भुगतान ले लिया जाता है। उन्होंने बताया कि उबर कंपनी के द्वारा पकडे़ जाने के बाद वह आईडी ब्लाक हो जाती है। यह लोग फिर से नई आईडी बनाकर पुनः जालसाजी के काम में लग जाते थे।