अबू धाबी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। नेतन्याहू ने सुझाव दिया था कि सऊदी अरब के क्षेत्र में एक फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की जा सकती है। यूएई की आधिकारिक समाचार एजेंसी, डब्ल्यूएएम ने बताया कि देश ने नेतन्याहू की ‘अस्वीकार्य और भड़काऊ’ टिप्पणियों की ‘कड़ी निंदा’ की है।
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साथ ही इस बयान को ‘अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन’ बताया। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया, यूएई के राज्य मंत्री खलीफा बिन शाहीन अलमारर ने सऊदी अरब के साथ अपने देश की अटूट एकजुटता को दोहराया। इसके साथ ही सऊदी अरब की सुरक्षा, स्थिरता और संप्रभुता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। मंत्री ने फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों को कमजोर करने या उन्हें विस्थापित करने के लिए मजबूर करने वाली किसी भी कार्रवाई के लिए यूएई के कड़े विरोध की भी पुष्टि की।
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अलमारर ने फिलिस्तीनी अधिकारों की रक्षा के लिए यूएई की ऐतिहासिक प्रतिबद्धता पर जोर दिया। साथ ही एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की ओर ले जाने वाले राजनीतिक समाधान का समर्थन किया। अलमारर ने कहा कि कि ‘दो-राज्य समाधान के बिना क्षेत्र में कोई स्थिरता नहीं होगी।’ इजरायल के चैनल 14 के साथ एक इंटरव्यू के दौरान नेतन्याहू ने सुझाव दिया कि “सऊदी सऊदी अरब में एक फिलिस्तीनी राज्य स्थापित किया जा सकता है क्योंकि उनके पास बहुत जमीन है।”
नेतन्याहू से जब पूछा गया कि क्या फिलिस्तीनी राज्य का निर्माण सऊदी अरब के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए एक पूर्व शर्त है, तो उन्होंने जवाब दिया, “मैं ऐसे किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा जो इजरायल राज्य को खतरे में डालता हो।” ये टिप्पणियां सऊदी अरब के लगातार इस रुख के बीच आई हैं कि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के बिना इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित नहीं करेगा।