Tuesday, January 14, 2025

छत्तीसगढ़ में नौकरी से निकाले गए बीएड सहायक शिक्षकों का अनोखा प्रदर्शन, दंडवत होकर सरकार से लगाई गुहार

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नौकरी से निकाले गए बीएड सहायक शिक्षकों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर राजधानी रायपुर में अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने साइंस कॉलेज मैदान के बाहर दंडवत होकर सरकार से नौकरी पर वापस रखने की अपील की। यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ राज्य युवा महोत्सव के दौरान हुआ, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। बीएड सहायक शिक्षकों के इस प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे राज्य की राजनीति में भी हलचल मच गई है।

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क्या है मामला?

राज्य सरकार द्वारा बीएड सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद से ये शिक्षक अपनी नौकरी वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें बिना किसी ठोस वजह के नौकरी से हटा दिया, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है।

 

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प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने अपनी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत की थी और अब अचानक नौकरी से निकाले जाने से उनके परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार ने चुनाव के समय उन्हें नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब वादे से मुकर रही है।

 

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साइंस कॉलेज मैदान के बाहर बीएड सहायक शिक्षक दंडवत होकर अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था, “हमें हमारी नौकरी वापस चाहिए” और “हमारी मेहनत का सम्मान करो।” प्रदर्शन के दौरान शिक्षक लगातार अपनी बहाली की मांग करते रहे।

बीएड सहायक शिक्षकों के इस प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे मुद्दा बनाते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला है। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आई थी, लेकिन अब वह शिक्षकों को नौकरी से निकालकर बेरोजगारी बढ़ा रही है।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “सरकार की यह नीति शिक्षकों और शिक्षा व्यवस्था के साथ विश्वासघात है। यह प्रदर्शन दिखाता है कि राज्य सरकार शिक्षकों की आवाज को अनसुना कर रही है।”

वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा है कि शिक्षकों की नियुक्तियों में प्रक्रिया संबंधी अनियमितताएं पाई गई थीं, जिसके कारण यह निर्णय लिया गया। राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर विचार करेगी और शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाएगी।

प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की है कि वह उनकी समस्याओं का समाधान करें और उन्हें उनकी नौकरी वापस दिलाएं।

 

इस प्रदर्शन ने न केवल शिक्षकों की पीड़ा को उजागर किया है, बल्कि सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक खींचतान को भी बढ़ा दिया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।

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