लखनऊ। गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार निकाय चुनाव को लेकर नए परिसीमन और आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 6 अप्रैल शाम 6 बजे तक आपत्तियां लगाई जा सकेंगी।
उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर नगर पालिका से महिला चुनाव लड़ेंगी। मुजफ्फरनगर नगर पालिका जहां महिला के लिए आरक्षित की गई है वही खतौली नगर पालिका पिछड़ा वर्ग के खाते में आई है शामली जिले की शामली और कांधला नगर पालिका अनारक्षित रहेंगी और कैराना पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई है।
मुजफ्फरनगर की भोकरहेड़ी नगर पंचायत अनुसूचित जाति की महिला के लिए ,सिसौली पिछड़ा वर्ग महिला के लिए, चरथावल, मीरापुर, पुरकाजी सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगी। नगर पंचायत जानसठ से पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे, जबकि बुढाना से महिला चुनाव लड़ेंगी।
शामली में नगर पंचायत बनत अनुसूचित जाति महिला, थानाभवन महिला एवं ऐलम पिछड़ा वर्ग महिला, गढ़ी पुख़्ता पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई है, वही ऊन, जलालाबाद और झिंझाना को अनारक्षित रखा गया है।
प्रदेश सरकार ने 760 नगरीय निकाय में चुनाव के लिये महापौर, अध्यक्षों, सभासदो और पार्षदों का चुनाव कराने के लिए आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना गुरूवार को जारी कर दी।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कुल 762 नगरीय निकाय में से 760 में ही चुनाव होंगे। इसमें 17 नगर निगमों के महापौर, 199 नगर पालिका परिषदों तथा 544 नगर पंचायतों के अध्यक्ष और कुल 13 हजार 965 वार्डों में सभासद/पार्षद का चुनाव कराने के लिए आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में आपत्तियों को छह अप्रैल शाम छह बजे तक नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव के पास लिखित रूप में अथवा डाक के माध्यम से दर्ज कराया जा सकता है। उन्होने बताया कि महराजगंज की नगर पालिका परिषद, सिसवा बाजार तथा बस्ती जिले की नगर पंचायत भानपुर के संबंध में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने पर चुनाव नहीं कराए जा सकते, जिससे आरक्षण की घोषणा नहीं की गई।
श्री शर्मा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के 27 मार्च के निर्णय के चंद घंटों के अंदर ही दी गई समय सीमा से भी पहले आज ओबीसी सहित सभी वर्गों को आरक्षण के साथ आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी गई। पिछड़े वर्गों के कल्याण और उनके आरक्षण के लिए भाजपा और राज्य सरकार पहले भी प्रतिबद्ध थी, आज भी है और आगे भी रहेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ओबीसी वर्ग को पूर्ण आरक्षण देते हुए पांच दिसम्बर 2022 को आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी की थी, जिसमें ओबीसी के लिए सभी प्रकार की सीटों और पदों पर 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी थी। ओबीसी समेत सभी कमजोर वर्गों को पूर्ण आरक्षण देने की वही नीति राज्य सरकार आज भी रखी है यह आज के नोटिफिकेशन से स्पष्ट है।
मंत्री ने दावा किया कि भाजपा सरकार की मंशा साफ़ थी और है। इसीलिए सरकार ने उच्च न्यायालय के 27 दिसंबर, 2022 के आदेश के 24 घण्टे के भीतर ही पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया और और 72 घंटे के अंदर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दिया था।
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