कानपुर देहात- जिले में अतिक्रमण हटाने गई टीम की कार्यवाही में मां बेटी की दुखद मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है, इस मामले में लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं, परंतु क्षेत्र की विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि मेरी सिफारिश पर पीड़िता डीएम से मिली थी लेकिन डीएम ने धक्के देकर भगा दिया था तो ऐसे में मेरा मंत्री रहना ही बेकार है।
आपको बता दें कि कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासन की बुलडोजर टीम की कार्यवाही के दौरान एक मां बेटी की जलने से दुखद मौत हो गई ,जिन मां बेटी की मौत हुई है, उनका बेटा बजरंग दल का जिला सहसंयोजक है, परिजनों ने शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है और मुख्यमंत्री या कम से कम उपमुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे, इसी बीच उपमख्यमंत्री बृजेश पाठक ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए उनसे बात की है।
इसी बीच क्षेत्र की विधायक और प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि मैं क्षेत्र से विधायक हूं और हमारे यहां ऐसी घटना हो रही है,महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम बेटी को नहीं बचा पा रहे, मां को नहीं बचा पा रहे तो मेरा महिला कल्याण मंत्री रहना ही बेकार है।
मंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवार कुछ दिनों पहले उनके पास आया था, जिसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी नेहा जैन को कहा था कि इस परिवार की समस्या सुनकर उनकी मदद करें लेकिन मुझे पता चला कि मेरे फोन के बाद जब पीड़ित परिवार डीएम से मिलने गया तो डीएम ने धमका कर धक्के देकर भगा दिया और उनकी कोई सुनवाई नहीं की।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र का एसडीएम भी ठीक काम नहीं कर रहा था और यह लेखपाल भी जिले के सबसे भ्रष्ट लेखपालों में शामिल था, जिसकी शिकायत उन्होंने खुद डीएम से की थी लेकिन डीएम ने उसको नहीं हटाया। उन्होंने कहा कि यह घटना प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है और जिलाधिकारी की असंवेदनशीलता मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि यदि महिला कल्याण मंत्री होने के बावजूद मैं महिलाओं की रक्षा नहीं कर पा रही हूं तो मेरा महिला कल्याण मंत्री होना ही बेकार है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में ज़रूर न्याय करेंगे।