नोएडा। उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने शेयर ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले दो बदमाशों को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। ये लोग 10 से 15 फीसदी प्रतिमाह ब्याज देने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। आरोपियों ने पूर्व में नोएडा के सेक्टर-63 में कंपनी खोलकर घटना को अंजाम दिया था।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ (नोएडा यूनिट) के एसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि एक सूचना के आधार पर एसटीएफ ने गाजियाबाद के वसुंधरा के सेक्टर-5 में मोहन मिकिंन्स सोसाइटी के एक फ्लैट में छापेमारी कर जनपद बागपत के रहने वाले विनोद कुमार धामा और रविंद्र उर्फ नवाब को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि इनके पास से पुलिस ने 6 मोबाइल फोन, और अन्य दस्तावेज बरामद किया है। ये लोग घटना को अंजाम देने के बाद बैंकॉक भाग गए थे। इनके अन्य साथियों की पुलिस तलाश कर रही है। उन्होंने बताया कि विनोद कुमार धामा इस गैंग का सरगना है। पूछताछ में विनोद ने बताया कि गिरोह के सदस्य लोगों को कंपनी की स्कीम बताकर उसमें निवेश का तरीका समझाते थे। दोनों ने यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और हैदराबाद के 500 से ज्यादा लोगों से ठगी करनी स्वीकार की है। ये लोग ज्यादा रकम निवेश कराने के बाद रातों-रात कंपनी बंद करके भाग जाते थे।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि ये लोग बाद में दोबारा से कंपनी खोलकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगी करनी शुरु कर देते थे। इन्होंने पूर्व में नोएडा के सेक्टर-63 में कल्पवृक्ष् ट्रेडिंग मास्टर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, हॉट सिक्योरिटी लिमिटेड व आयुर्वेद इंडिया ट्रेडिंग फर्म के नाम से कंपनियां खोली थी। इन कंपनियों के माध्यम से उन्होंने लोगों से करोड़ों रुपया का निवेश करवाया तथा भाग गए उन्होंने बताया कि विनोद ने शेयर ट्रेडिंग का काम करने वाली एक अमेरिकन कंपनी में कुछ दिन तक नौकरी की, तथा उसने शेयर ट्रेडिंग का काम सीख्वर्ष 2022 में उसने नोएडा में कल्पवृक्ष ट्रेडिंग मास्टर कंपनी खोली। इसमें विनोद और रोहित आदि निदेशक थे। विनोद ने अपने साथी प्रवीण धामा और सोनू की मदद ली। उसने नितेश से 5 लाख रुपए में ट्रेडिंग बाॅट खरीदी थी।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि यह लोग शेयर ट्रेडिंग के अलावा चेन मार्केटिंग (अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने) की योजना बनाकर भी वारदात करते थे। इसमें कुछ लोगों को लीडर के रूप में आईडी बनाकर उन्हें लक्ष्य दिया जाता था। जिसमें की लीडर और लोगों को स्कीम से जोड़कर ज्यादा से ज्यादा निवेश करा सके। निवेशक से तीन से चार महीने तक राशि अपने खाते में जमा कराने के बाद आरोपी कंपनी और मोबाइल फोन बंद करके फरार हो जाते थे। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को नोएडा के साइबर क्राइम थाना पुलिस भी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। इनके खिलाफ नोएडा के सेक्टर-63 थाने में मुकदमा दर्ज है।