नयी दिल्ली। राज्य सभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने मणिपुर मामले को लेकर प्रश्नकाल के दौरान करीब आधे घंटे तक हंगामा किया जबकि सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों के प्रश्न नहीं पूछे जाने पर नाराजगी व्यक्त की।
दोपहर बारह बजे प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने मणिपुर में महिलाओं के साथ उत्पीड़न के मामले को जोरदार ढंग से उठाया और अपनी सीट से हंगामा करने लगे। धनखड़ ने इस दौरान प्रश्नकाल को जारी रखा। करीब आधे घंटे की नारेबाजी के बाद विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बाहर चले गये ।
सभापति ने प्रश्नकाल समाप्त होने के कुछ समय पहले कहा कि संसदीय लोकतंत्र में प्रश्नकाल हृदय के समान है ।
सदस्यों के प्रश्न नहीं पूछने को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि स्टार प्रश्न होने के बावजूद उसे नहीं पूछा जाना उचित नहीं है। सदस्यों को इस मामले को लेकर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने प्रश्न नहीं पूछने वाले कई सदस्यों के नाम भी लिए।
उन्होंने सदस्यों से प्रश्नकाल की गंभीरता को बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि इस दौरान जनहित के मामलों को उठाया जाता है।
इससे पहले ऊर्जा मंत्री राज कुमार सिंह ने कहा कि देश में बिजली की कमी नहीं है। स्थानीय कारणों से बिजली की आपूर्ति बाधित होती है जो राज्यों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बिजली उपकेन्द्रों , आपूर्ति लाइनाें और ट्रांसफारमर व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है तथा कृषि फीडर को अलग किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए एक लाख 57 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना की गई है । इन केन्द्रों पर कैंसर , टीबी आदि बीमारियों की जांच की जाती है । इन केन्द्रों को जिला अस्पताल से जोड़ा गया है । संचार माध्यमों से यहां मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सों की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है ।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर 400 बिस्तर के अस्पताल के स्थापना की योजना है । जिला अस्पतालों को करीब 100 करोड़ रुपये दिये जायेंगे । आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच वर्षो में 64000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे । हंगामे के कारण कुछ प्रश्नों के उत्तर को नहीं सुना जा सका।