Wednesday, January 22, 2025

मप्र में ‘फोटो’ पर बवाल! विधानसभा में पं. नेहरू की जगह अंबेडकर की फोटो लगाने पर भाजपा-कांग्रेस के बीच खड़ा हुआ विवाद

भोपाल। राज्य विधानसभा में पं. नेहरू की फोटो हटाकर डॉ. भीमराव अंबेडकर की फोटो लगाने को लेकर एक नए विवाद की शुरुआत हो गई है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इसका विरोध कर रही है तो वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेता और विधायक इसके समर्थन में उतर आए हैं।

उल्लेखनीय है कि अब तक राज्य विधानसभा में अध्यक्ष की आसंदी के पीछे एक तरफ महात्मा गांधी की फोटो लगी थी तथा दूसरी तरफ पं. नेहरू की फोटो हुआ करती थी लेकिन 16वीं विधानसभा की शुरुआत के साथ ही पं. नेहरू की फोटो की जगह पर डॉ. अंबेडकर की फोटो दिखाई देने लगी है। कांग्रेस विधायकों ने पं. नेहरू की फोटो हटाने का विरोध शुरू कर दिया है। पं. नेहरू की तस्वीर हटाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा परिसर में कहा कि डॉ. अंबेडकर के बाद ये गोडसे के फोटो लगाएंगे। नेहरू जी का फोटो हटाना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण ये है कि उनके विचार खत्म करने का प्रयास है। आगे देखिए अंबेडकर जी का फोटो हटाकर गोडसे का फोटो लगाएंगे।

इसी तरह से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि यह ओछी मानसिकता है। भाजपा की छोटी सोच का यहां दर्शाया गया है। इस मामले में प्रोटेम स्पीकर और मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी। महात्मा गांधी नेहरू जी, अंबेडकर जी किसी का अपमान नहीं होना चाहिए। सभी ने देश के लिए अपना सर्वस्व दिया है। भाजपा को उसकी मनमानी नहीं करने दी जाएगी। सभी का सम्मान हो हम यही चाहते हैं।

दूसरी तरफ डॉ. अंबेडकर की फोटो लगाए जाने का समर्थन करते हुए भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि अंबेडकर का चित्र भारत के संविधान का चित्र है। संविधान निर्माता बाबा अंबेडकर हैं कि नहीं। बाबा अंबेडकर के प्रति कांग्रेस की आस्था और विश्वास है कि नहीं? अंबेडकर जी करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र हैं, संविधान निर्माता है। संविधान निर्माता का फोटो विधानसभा में होना चाहिए या नहीं? कांग्रेस क्या बाबा अंबेडकर में गोडसे देखती है?

पूर्व मंत्री और विधायक इंदर सिंह परमार ने कहा कि नेहरू का दर्शन भारत के दर्शन से अलग था और उन्होंने इसे सनातन राष्ट्र नहीं माना है। वे अपने देश को दूसरे अन्य देशों के समान ही राजनीतिक स्तर पर मानते रहे थे। परमार का कहना है कि कांग्रेस का काम सिर्फ भ्रम फैलाना है। कांग्रेस डॉ. भीमराव अंबेडकर का सम्मान नहीं करती है।

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का इस मुद्दे पर कहना रहा कि कांग्रेस का मूल चरित्र ही दलित विरोधी है। उसे नेहरू जी के चित्र हटने से आपत्ति नहीं है बल्कि बाबा साहब का चित्र लगने से है। ये वही कांग्रेस है जिसने बाबा साहब को दो चुनाव हरवाए। जिसने संसद में तेलीय चित्र नहीं लगने दिया, पंच तीर्थ स्थापित नहीं होने दिए और आज जब मध्यप्रदेश के विधानसभा पटल पर जब बाबा साहब का चित्र अंकित होता है तो उनके ह्रदय में जो दलित विरोध है वह जागता है, इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस को बाबा साहब के चित्र लगने से तकलीफ है न कि नेहरु के चित्र हटने से ।

उन्होंने कहा कि स्पष्ट कांग्रेस को बाबा साहब में गोडसे नजर आने लगे हैं और असल में गोडसे का चरित्र कांग्रेसियों में हैं क्योंकि गांधी जी की मूल भावना और विचारों का दमन उन्होंने किया है। ये गोडसे के नाम पर अंबेडकरवाद का विरोध कर रहे हैं। वहीं, भाजपा विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि बाबा साहब का फोटो बहुत पहले लग जाना चाहिए था। कांग्रेस ने भीमराव अंबेडकर को स्थान नहीं दिया। भारतीय जनता पार्टी बाबा साहब को उनका स्थान दे रही है।

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