देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का सत्र कल 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गया है। इससे पूर्व सोमवार को सत्र निधन निदेश के साथ शुरू हुआ था। सदन नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में दिवंगत विधायक और पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दी। यह सत्र 05 से 08 फरवरी तक यूसीसी बिल लाने के लिए आयोजित हो रहा है।
इस मौके पर सदन के नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मंगलोर सीट से विधायक रहे दिवंगत सरवत करीम अंसारी,पूर्व मंत्री मोहन सिंह गांववासी,पूरन चंद शर्मा, लक्सर के पूर्व विधायक कुंवर नरेन्द्र सिंह, नैनीताल से पूर्व विधायक किशन सिंह तड़ागी, पूर्व विधायक धनी राम सिंह नेगी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इन लोगों जाना हमारे लिए दुःखद है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरवत करीम अंसारी हमेशा दलगत भावनाओं से अलग मिलते थे। उनका शेरों शायरी कई मौके पर सुनने मिलता था और वो मुझे भी शायरी सुनाने को कहते थे।
मोहन सिंह गांववासी का जीवन सादगी था। वो फक्कड़ थे और भाजपा को मजबूत करने का काम किये। वो हमेशा आधार स्तंभ रहेंगे। गांव-गांव का भर्मण से उनकी अलग पहचान थी। 1975 के आपातकाल में जेल भी गए। आरएसएस के प्रचारक, हिन्दुस्थान समाचार के संवाददाता, भाजपा में विभिन्न दायित्यों को पूरी निष्ठा के साथ काम किया। वे खुद के लिए नहीं समाज के लिए कार्य किये। उनका विशिष्ट बात उनका सादगी था। उनको सोचता हूं तो मन भावुक हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री पूरन चंद शर्मा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जीवन यात्रा हमेशा संघर्ष भरा रहा। आपातकाल में वो संघर्ष किये। कुंवर नरेंद्र सिंह हमेशा समाज में किये कार्य के लिए याद किये जायेंगे। वो लक्सर विधानसभा से विधायक रहे। कृष्ण सिंह तड़ागी,धनी राम नेगी का जीवन हमेशा प्रेरणादायक रहेगा।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, वित्त व संसदीय मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने दिवंगत विधायक और पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि निश्चित ही इन लोगों का नहीं रहना दुखद है।
सत्र से पहले उप नेता भुवन कापड़ी ने पत्रकारों से बातचीत ने कहा कि आज उत्तराखंड की जनता की मूल आवाज भू-कानून सहित राज्य की ज्वलंत विषय है। अवाम की आवाज से सरकार दूरी बना ली है। उन्होंने कहा कि यूसीसी ड्राफ्ट आने के बाद ही कुछ कहना सही होगा। इस ड्राफ्ट को कैसे तैयार किया गया है, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह सत्र विशेष नहीं है। पिछले सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ है। जो विधायकी व्यवस्था है उसी के अनुसार सत्र चलना चाहिए। विधायकी कार्य में प्रश्नकाल भी होगा। सत्र नियम के तहत संचालन होना चाहिए। भाजपा सरकार जबरजस्त अपना एजेंडा ला रही है।
उन्होंने कहा कि 400 पन्नों के ड्राफ्ट एक दिन में पढ़ा नहीं जा सकता। इसके लिए पर्याप्त समय देना चाहिए। सिर्फ राजनीति के लिए कानून नहीं बनाना चाहिए। सरकार की मंशा नहीं है चर्चा करना। कुम्भकर्णी नींद में सरकार सोयी हुई है। सत्र को एक साल में 60 दिन चलना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार 08 से 10 दिन साल में सत्र चला रही है।
भाजपा विधायक मदन कौशिक ने कहा कि देश की मूल भावना से कांग्रेस अलग काम करती है। कांग्रेस राम मंदिर सहित हिन्दुत्व और हर अच्छे काम का विरोध करती है।
इसी तरह यूसीसी का विरोध कर रही है। सरकार विपक्ष के मुद्दों को सत्र में आने पर जवाब देगी। यूसीसी भाजपा के एजेंडे था और उसे ला रही है। कांग्रेस अपने एक्सपर्ट के साथ अध्ययन करे, कौन रोका है।