चरथावल। हिस्ट्रीशीटर, गैंगस्टर व गोकशी के आरोप में वारंटी को ग्राम प्रधान द्वारा अपने घर में शरण देने, भगाने व पुलिस पर हमला करने के मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। पुलिस ने ग्राम प्रधान आलम त्यागी को गिरफ्तार कर चालान कर दिया है, जबकि फरार वांरटी की तलाश में दबिश दी जा रही है।
चरथावल थाना प्रभारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि ग्राम निरधना निवासी दानिश पुत्र मौ. नबी के विरुद्ध गोकशी, गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे व चरथावल थाने का हिस्ट्रीशीटर अपराधी है, जिसके विरुद्ध करीब डेढ़ दर्जन मुकदमें पंजीकृत है, जो न्यायालय में काफी समय से गैर हाजिर चल रहा था। न्यायालय द्वारा आरोपी के वारंट जारी किये गये थे। पुलिस द्वारा वांछित व वारंटियों की धरपकड़ के लिये अभियान चलाया हुआ था तभी पुलिस को सूचना मिली कि वारंटी दानिश ग्राम प्रधान आलम त्यागी के घर पर शरण लिये हुए है।
सूचना पर पुलिस रात्रि में ग्राम प्रधान आलम पुत्र यामीन के मकान पर वारंटी को पकड़ने गयी, तो ग्राम प्रधान आलम ने अपने मकान का दरवाजा नहीं खोला, बडी मशक्कत के बाद पुलिस ग्राम प्रधान के मकान में गयी, तो ग्राम प्रधान व वारंटी दानिश ने पुलिस के साथ बदतमीजी करते हुए हमला कर दिया और वारंटी दानिश को वहां से भगा दिया। पुलिस ने वारंटी को भगाने व पुलिस टीम पर हमला करने के आरोपी ग्राम प्रधान आलम त्यागी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस द्वारा फरार वारंटी की तलाश में टीम गठित करके सम्भावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस ने आरोपी ग्राम प्रधान का चालान कर दिया है। थाना क्षेत्र के गांव पावटी में गोकशी होने की पूरी चर्चा क्षेत्र में आग की तरह फैली हुई है, वही गांव पावटी में गोकशी की सूचना क्षेत्रवासियों के सूत्रों से जिले तक भी पहुँच गयी थी, जिसके बाद चरथावल पुलिस में हड़कम्प मच गया था।
नवनियुक्त कप्तान द्वारा कड़ा एक्शन लेने की चर्चा में क्षेत्र में फैली हुई थी, अभी दो माह पूर्व दीपावली के दिन चोकड़ा गांव में हुई गोकशी के मामले में चरथावल पुलिस की जमकर फजीहत हुई थी और अब फिर पावटी गांव में भी इसी तरह गोकशी होने की चर्चा व्याप्त थी, वही क्षेत्रवासी यह कहते नजर आए कि कही पुलिस द्वारा जहाँ अन्य गोकशों पर शिकंजा नहीं कसा गया और दानिश पर शिकंजा कस चरथावल पुलिस अन्य आरोपियों को बचाने में तो नहीं लगी हुई है, वैसे पुलिस की इस कार्यवाही से क्षेत्र के गोकशों में हड़कम्प मचा हुआ है।
प्रधान आलम की हेकड़ी निकल गयी। अपने आप को भाजपा नेता बताने वाले आलम प्रधान की मदद को कोई भाजपाई आगे नहीं आया और मामले में आलम को जेल की हवा खानी पड़ी।