नई दिल्ली। नागपुर के महल क्षेत्र में सोमवार को दो गुटों के बीच हिंसा का मामला सामने आया है। इस हिंसा में उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। हिंसा में कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी खबर है। इस हिंसा की शुरुआत तब हुई जब दोनों गुटों के बीच तनाव बढ़ा और स्थिति बेकाबू हो गई। पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ के कारण इलाके में तनाव फैल गया है। वहीं, इस हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के विभिन्न नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि नागपुर एक शांतिपूर्ण और सहयोगी शहर है और यह शहर हमेशा मिलजुल कर रहने की अपनी परंपरा के लिए जाना जाता है। सीएम फडणवीस ने नागरिकों से अपील की कि वह प्रशासन का पूरा सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हम लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं और नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वह प्रशासन को अपना सहयोग दें। शिवसेना प्रवक्ता आनंद दुबे ने भी इस हिंसा पर प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नागपुर में दो गुटों के बीच झगड़े के बाद पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। कई गाड़ियों में आग लगा दी गई, पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया गया और दमकल की गाड़ियों पर भी पथराव किया गया। यह घटनाएं निश्चित रूप से नागपुर की शांति और सामाजिक सौहार्द्र को प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस स्थिति को नियंत्रण में रखने में असफल रही है। पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता अनिल देशमुख ने भी इस हिंसा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि नागपुर शहर में हो रही दंगे जैसी घटनाओं ने शहर में तनाव का माहौल बना दिया है। यह नागपुर की संस्कृति नहीं है। ऐसे घटनाएं शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए हमें संयम बनाए रखना चाहिए और इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। इस समय नागपुर में पुलिस बल की तैनाती की गई है और स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस-प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है।