मेरठ। मेरठ मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग द्वारा नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत वायरल हेपिटाइटिस जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का संचालन स्त्री एवं प्रसूति विभाग तथा मेडिसिन विभाग के ओपीडी परिसर में हुआ। कार्यक्रम में ओपीडी में आए मरीज को हेपिटाइटिस संक्रमण और बचाव के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम में बताया कि प्रेगनेंसी के समय, प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के बाद में वायरल हेपेटाइटिस से कैसे-कैसे बचाव एवं रोकथाम किया जा सकता है।
कार्यक्रम में बताया गया कि यदि किसी मरीज़ को हेपेटाइटिस वायरल संक्रमण हो जाता है तो उसका इलाज एवं उसके दुष्प्रभाव से कैसे बचा जा सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान और प्रेगनेंसी के बाद हेपेटाइटिस वायरल की वैक्सीन कैसे लगाई जाए तथा वैक्सीन कैसे लगाई जाती है। कार्यक्रम में नोडल ऑफिसर प्रोफेसर डॉक्टर अरविंद कुमार ने वायरल हेपेटाइटिस के लक्षण तथा इलाज की संपूर्ण जानकारी के बारे में जानकारी दी।
मेडिकल कॉलेज में मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर पर वायरल हेपिटाइटिस का इलाज
इसी के साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मेडिकल कॉलेज में मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर पर वायरल हेपिटाइटिस की सभी जांच और दवाएं मरीज़ो को निःशुल्क दी जाती है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर शकुन सिंह ने प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के बाद में तथा प्रेगनेंसी के दौरान यदि मरीज़ को वायरल हेपिटाइटिस हो जाती है तो मरीज़ को क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए एवं क्या इलाज करना चाहिए के बारे में बताया एवं वायरल हेपिटाइटिस यदि पति या पत्नी में से किसी भी एक सदस्य को है तो दूसरे सदस्य को यह बीमारी होने का खतरा बना रहता है इसलिए दोनों सदस्यों को जांच करानी चाहिए।