नयी दिल्ली। दिल्ली की जलमंत्री आतिशी ने कहा कि मुनक नहर के बैराज टूटने से यहाँ के हैदरपुर, बवाना, द्वारका और नांगलोई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के उत्पादन पर असर पड़ा है और कई इलाक़ों में जलापूर्ति प्रभावित हुई।
सुश्री आतिशी ने गुरुवार को बवाना पहुँचकर निरीक्षण कर मरम्मत कार्य का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड और हरियाणा सिंचाई विभाग युद्धस्तर पर तटबंध की मरम्मत का काम कर रहे है और जल्द मरम्मत का काम पूरा होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि तटबंध टूटने से दिल्ली के हैदरपुर, बवाना, द्वारका और नांगलोई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के उत्पादन पर असर पड़ा और कई इलाक़ों में जलापूर्ति प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि, द्वारका वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कच्चे पानी के लिए पूरी तरह सीएलसी पर निर्भर है ऐसे में सीएलसी के मरम्मत के बाद ही शुक्रवार शाम द्वारका में जलापूर्ति सामान्य हो सकेगी। नहर की मरम्मत के बाद जल बोर्ड और हरियाणा सिंचाई विभाग संयुक्त रूप से तटबंध के टूटने के कारणों की विस्तृत जाँच करेगी।
जलमंत्री ने कहा कि कल रात 12 से दो बजे के बीच मुनक नहर के दिल्ली में बवाना स्थित एंट्री पॉइंट पर इसके एक सब-ब्रांच करियर लाइन चैनल(सीएलसी) के तटबंध की दीवार का एक हिस्सा टूटा। इस वजह से मुनक नहर का पानी बवाना जे.जे.कॉलोनी के कई हिस्सों में घुस गया।
उन्होंने कहा कि, मुनक नहर का रखरखाव हरियाणा के सिंचाई विभाग द्वारा किया जाता है। हरियाणा सिंचाई विभाग और दिल्ली जलबोर्ड की टीम कल रात से ही यहाँ मौजूद है और युद्धस्तर पर नहर की मरम्मत का काम किया जा रहा है। नहर की मरम्मत के बाद हम हरियाणा सिंचाई विभाग के साथ मिलकर एक विस्तृत जाँच भी करेंगे कि, नहर के तटबंध के टूटने के पीछे क्या कारण रहा है।