नई दिल्ली। ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज ‘पिच ब्लैक 2024’ में भाग लेने के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की टुकड़ी गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना बेस डार्विन में उतरी। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 12 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस सैन्य अभ्यास में 20 देशों की सेनाएं (एयर फोर्स) हिस्सा लेंगी। इस दौरान विश्व के कई आधुनिकतम फाइटर जेट समेत 140 से अधिक विमान उड़ान भरते नजर आएंगे।
‘पिच ब्लैक’ नाम बड़े गैर-आबादी वाले क्षेत्रों में रात के समय उड़ान भरने पर जोर देने के कारण लिया गया था। इस वर्ष होने जा रहा सैन्य अभ्यास का यह संस्करण, एक्स पिच ब्लैक के 43 साल लंबे इतिहास में सबसे बड़ा होगा। इसमें 140 से अधिक विमानों और विभिन्न वायु सेनाओं के 4,400 सैन्य कर्मियों के साथ 20 देशों की भागीदारी शामिल है। यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य के अभ्यास पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसमें एफ-35, एफ-22, एफ-18, एफ-15, ग्रिपेन और टाइफून लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसमें भारत की ओर से आईएएफ सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहा है। भारतीय वायुसेना दल के पायलट, इंजीनियर, तकनीशियन, नियंत्रक और अन्य विषय विशेषज्ञों सहित 150 से अधिक उच्च कुशल वायु योद्धा अभ्यास में शामिल होने ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं।
भारतीय जांबाज सी -17 ग्लोबमास्टर और आईएल -78 के साथ सुखोई एसयू-30 एमकेआई मल्टीरोल लड़ाकू विमानों का संचालन करेंगे। युद्ध सक्षम भूमिकाओं में हवा में ईंधन भरने वाले विमान आईएल -78 एयर टू एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट का संचालन भी भारतीय योद्धा करेंगे। यह अभ्यास भारतीय वायुसेना को भाग लेने वाले देशों के साथ एकीकरण और सर्वोत्तम प्रथाओं के पारस्परिक आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करेगा। यह अभ्यास भाग लेने वाले देशों की तैनाती की क्षमता को मजबूत करने, इंडो पैसिफिक क्षेत्र में एकीकृत संचालन का समर्थन करने और अत्यधिक चुनौतीपूर्ण वातावरण में मजबूत विमानन संघों के निर्माण के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।
भारतीय वायुसेना इससे पहले इस अभ्यास के 2018 और 2022 संस्करणों में भाग ले चुकी है। यह सैन्य एक्सरसाइज 2 अगस्त तक होगा। यह रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना द्वारा आयोजित किया जाने वाला द्विवार्षिक, बहुराष्ट्रीय अभ्यास है।