वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन में कहा कि क्वाड किसी के खिलाफ नहीं है। क्वाड के नेता नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में संघर्ष चल रहा है और क्वाड हर संघर्ष का शांतिपूर्ण सम्माधान चाहता है।
अमेरिका दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विलमिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज और जापानी पीएम फोमियो किशिदा के साथ क्वाड समिट में शामिल हुए। इस अवसर पर नरेन्द्र मोदी ने कहा कि क्वाड की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व तनावों और संघर्षों से घिरा हुआ है। ऐसे में क्वाड के साथ मिलकर चलना पूरी मानवता के लिए बहुत जरूरी है।
उन्होंने चीन का नाम लिए बिना कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है। हमने मिलकर स्वास्थ्य, सुरक्षा, उभरती टेक्नोलॉजी और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक और समावेशी पहल की है। हम सभी (क्वाड सदस्य देश) नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।
क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका की सराहना की है। हिंद महासागर में भारत की नेवी लगातार एक्टिव है। हूती विद्रोहियों से जहाजों की सुरक्षा से लेकर हाईजैक जहाजों को डाकुओं से छुड़ा कर भारत ने अपनी ताकत दिखाई है।
इस साल क्वाड नेताओं का शिखर सम्मेलन पहले भारत में होने वाला था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन इस कार्यक्रम को अपने गृहनगर में आयोजित करने के इच्छुक थे।2007 में बनाया गया क्वाड सुरक्षा सहयोग संगठन है। इसका उद्देश्य हिंद और प्रशांत महासागर में शांति और सहयोग को बढ़ावा देना और चीन की विस्तारवादी नीतियों का प्रतिरोध करना है। इस संगठन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन से उनके होमस्टेट डेलावेयर स्थित आवास पर मुलाकात की। इस दौरान बाइडेन ने मोदी को गले लगाकर स्वागत किया। बाइडेन के आवास पर दोनों नेताओं के बीच निजी बातचीत हुई। यह द्विपक्षीय 1 घंटे से ज्यादा समय तक चली।