गया। जदयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के आवास पर एनआईए की छापेमारी (19 सितंबर) लगभग 20 घंटे तक चली। इसके बाद मनोरमा देवी ने कहा कि उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज साझा कर दिए हैं और जांच में पूरा सहयोग किया है। 19 सितंबर को हुई छापेमारी में एनआईए की टीम ने पांच जगहों पर रेड की। जिनमें से दो से मनोरमा देवा का नाम जुड़ा है।
इसमें से एक उनका गया शहर के एपी कॉलोनी स्थित आवास और दूसरा बोधगया स्थित प्लांट था। सभी दस्तावेजों को खंगाला। तलाशी के बाद एनआईए ने प्रेस रिलीज जारी किया। जिसमें बताया गया है कि रेड में 4 करोड़ 3 लाख रुपए, 10 हथियार, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज बरामद किए गए हैं। वहीं, एनआईए की छापेमारी को लेकर मनोरमा देवी का कहना है कि, हमको कुछ मालूम नहीं था। एनआईए की टीम की ओर से सुबह छह बजे मेरे आवास पर छापेमारी हुआ।
एनआईए के अधिकारियों को हमने सभी दस्तावेज दे दिया है। हम राजनीति भी करते हैं, मेरा व्यापार भी चलता है, मेरा होटल भी है, मेरा ठेकेदारी भी है। इससे जुड़े हुए पेपर हमने एनआईए के अधिकारियों को दे दिया। मेरे पास जो पैसा है, उसके दस्तावेज हमारे पास मौजूद है। जो पैसा रखा गया था, वो काम कर रहे लेबर को देने के लिए रखा गया था। कितना पैसा है, इस बात की जानकारी मेरे पास मौजूद नहीं है। जो रुपये छापामारी के दौरान जब्त किए गए हैं, वे बैंक से लोन लिए गए थे, उसका पूरा हिसाब किताब है, जिसका डिटेल हमारे चार्टर्ड अकाउंटेंट दे देंगे। वहीं हथियार हमारे गार्डों के हैं, उसके भी कागजात हमारे पास मौजूद हैं।
जब्ती सूची पर हमने साइन किया है। उन्होंने जो दस्तावेज मांगे और जहां उन्होंने सिग्नेचर करने के लिए कहा, वहां हमने कर दिया। एनआईए के जांच में हमने पूरा सहयोग किया। दरअसल मनोरमा देवी के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई नक्सली गतिविधियों से तार जुड़े होने के सुराग मिलने के बाद की गई है। इस मामले में पुलिस ने 7 अगस्त 2023 को केस दर्ज किया था। जिसके बाद इस केस को एनआईए ने अपने हाथ में लिया था। सितंबर 2023 में फिर से इस मामले में केस दर्ज किया गया था।