नई दिल्ली। यूपीआई पेमेंट सर्विस प्रोवाइड करने के मामले में एक्सिस बैंक देश के सबसे बड़े यूपीआई पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर यस बैंक को पछाड़ने की स्थिति में आ गया है। नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर के महीने में ही एक्सिस बैंक इस मामले में यस बैंक वह पीछे छोड़ते हुए आगे निकल जाएगा।
एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार यस बैंक ने अगस्त 2024 में पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर बैंक के रूप में कुल 5.14 अरब ट्रांजैक्शन किया, जबकि इसी अवधि में एक्सिस बैंक ने 5.13 अरब ट्रांजैक्शन किया। हालांकि दोनों बैंकों के बीच का ट्रांजैक्शन गैप पिछले साल अगस्त के महीने में 1.50 अरब का था। यानी 1 साल की अवधि में ट्रांजैक्शन गैप में काफी कमी आ गई है।
यूपीआई पेमेंट सर्विस के लिए यस बैंक और देश के सबसे बड़े यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर फोन-पे के बीच सर्विस पार्टनरशिप है। इसी सर्विस पार्टनरशिप की वजह से यस बैंक यूपीआई पेमेंट सर्विस के मामले में अभी तक सबसे बड़ा सर्विस प्रोवाइडर बना हुआ था। लेकिन यस बैंक में पिछले दिनों संकट होने पर फोन पे के ट्रांजैक्शन में भी अड़चन आने लगी थी। ऐसी स्थिति में एनपीसीआई में सभी यूपीआई एप्स को किसी खास बैंक पर अपने निर्भरता कम करने और कस्टमर के लिए मल्टीपल वर्चुअल पेमेंट ऐड्रेस (एमवीपीए) बनाने का निर्देश दिया था। ऐसा होने पर फोन-पे ने किसी भी संकट की स्थिति को टालने के लिए नई रणनीति बनाते हुए एक्सिस बैंक के साथ भी सर्विस पार्टनरशिप कर ली।
बताया जा रहा है कि एक्सिस बैंक ने फोन-पे को यस बैंक की तुलना में ज्यादा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर फीस देने की बात भी मंजूर कर ली है। ऐसी स्थिति में फोन-पे नए कस्टमर्स को एक्सिस बैंक के गेटवे के साथ जोड़ रहा है। इसके साथ ही धीरे-धीरे वो यस बैंक के मौजूदा कस्टमर को भी एक्सिस बैंक के प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर रहा है।
एक्सिस बैंक के तेजी से आगे बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह ये भी है कि एक्सिस बैंक एक साथ कई यूपीआई एप्स के साथ काम कर रहा है। फिलहाल एक्सिस बैंक अमेजॉन पे, गूगल पे, फ्लिपकार्ट यूपीआई जैसे कई यूपीआई एप्स का भी सर्विस पार्टनर है। बताया जा रहा है कि एक से ज्यादा यूपीआई एप्स के साथ मिलकर काम करने के कारण भी एक्सिस बैंक के कारोबार में काफी तेज बढ़ोतरी हुई है। इसी वजह से इसी महीने यूपीआई पेमेंट सर्विस प्रोवाइड करने के मामले में एक्सिस बैंक के अव्वल स्थान पर पहुंच जाने की उम्मीद जताई जा रही है।