Sunday, December 22, 2024

क्या है होलिका दहन का महत्त्व?

आज होलिका दहन है। इस पर्व का महत्व क्या है, यह जानना भी आवश्यक है। इस पर्व का नाम होली क्यों है? होला से होली का नामकरण हुआ है। होला अर्थात गेहूं, चना, जौं, मटर आदि की बालियों, फलियों को आग में भूना जाता है, तब इन्हें होला कहा जाता है। होली में इन्हीं बालियों की आहुति देकर पूजन किया जाता है।

यह पर्व मात्र ईंधन जलाने का पर्व नहीं है। कालान्तर में यद्यपि यह ऐसा ही हो गया है या कहे कि ऐसा बना दिया गया है। इस समय फसलें पकने को तैयार होती है। होली सामुहिक यज्ञ के रूप में सम्पन्न होती थी। सुगन्धित पदार्थों को होलिका में डाला जाता था, जो वातावरण को सुगंधित तथा निरोग कर देता था। इससे आने वाली फसलों को लाभ मिलता था। अन्न अधिक मात्रा में निकलता था, निरोगी तथा स्वास्थ्यवर्धक होता था। वनस्पति हरी-भरी तथा औषधीय गुणों वाली होती थी, परन्तु आज तो इसका रूप ही बदल गया है।

आज तो मात्र यह ईंधन के ढेर को जलाने की औपचरिकता रह गया है, जिससे प्रदूषण की समस्या में वृद्धि होती है। समाज के बुद्धिजीवी और ज्ञानी लोगों से अपेक्षा है कि वे समाज को जागरूक करें, उन्हें इसके करोड़ों वर्षो से जो चले आ रहे इस पर्व का उद्देश्य तथा, उससे अवगत कराया जाये और पुन: उन्हें इस होलिका पर्व को पुरातन रूप सामूहिक यज्ञ के रूप में मनाने को प्रेरित किया जाये।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय