Friday, November 22, 2024

आखिर हरियाणा में क्यों हारी कांग्रेस

2024 के लोकसभा चुनावों में जिस तरह उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा था उससे कहीं अधिक झटका कांग्रेस को हरियाणा के विधानसभा चुनावों में लगा है। लोकसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस को 5-5 सीटों पर विजय मिली थी, तब से यह समझा जाने लगा था कि हरियाणा में इस बार कांग्रेस का सत्ता में आना तय है। मतों की गिनती से पहले और शुरू के पहले घंटे में करीब-करीब रुझान ऐसा ही था जैसा  विभिन्न सर्वेक्षणों में दिखाया गया था, लेकिन उसके बाद जब एक बार भाजपा आगे निकली तो अंत तक यही स्थिति बनी रही। हरियाणा में भाजपा ने तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। भाजपा ने अपनी जीत को विकास और नीतियों की जीत बताया है, जबकि कांग्रेस ने इसे तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार कहा है। कांग्रेस कुछ भी कहे लेकिन इस चुनाव ने बता दिया है कि भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग के सामने कांग्रेस मात खा गई।
यह चुनाव जीतकर हरियाणा में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक मारी है। करीब 52 साल बाद कोई पार्टी ऐसा करने में कामयाब हुई है। ऐसे में अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि आखिर  क्या वजह है, जिससे हरियाणा में बीजेपी के हाथ जीत की जलेबी का स्?वाद लगा है। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के नतीजे सामने आ गए है। प्रदेश में लगातार तीसरी बार बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही है। बीजेपी को 48 सीटों पर जीत मिली है वहीं कांग्रेस के खाते में 37 सीटें गई है। इसके अलावा आइएनएलडी को 2 और 3 सीटें अन्य के खाते में हैं। हरियाणा में बीजेपी को मिली जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी मुख्यालय  पहुंचकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों ने एक बार फिर कमाल कर दिया और कमल-कमल कर दिया।
दूसरी तरफ राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो हरियाणा में कांग्रेस की हार के पीछे पार्टी की खेमाबंदी, गुटबाजी है तो दूसरी तरफ भाजपा यहां जाट बनाम गैर जाट करने की अपनी रणनीति में सफल रही। फिलहाल राज्य में कांग्रेस की हार के पीछे यही वजह बताई जा रही है।
जाट बहुल वाली सीटों पर यह दावे किए जा रहे थे कि बीजेपी को इन सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि जाट बहुल सीटों पर भी बीजेपी को उतना अधिक नुकसान होता नहीं दिख रहा है जितनी आशंका की गई थी।कांग्रेस ने इस बार बेरोजगारी का मुद्दा काफी प्रमुखता से उठाया था। वहीं भाजपा पर्ची-खर्ची के मुद्दे को लेकर चुनावी मैदान में उतरी थी। भाजपा प्रचार के दौरान दावा करती आई थी कि हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 85 हजार सरकारी नौकरियां दी थी, जबकि भाजपा सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस से दो गुनी एक लाख 47 हजार सरकारी नौकरियां दी हैं। भाजपा ने बिना पर्ची-बिना खर्ची नौकरी देने का चुनावी नारा भी दिया। वहीं, कांग्रेस ने बेरोजगारी के ही मुद्दे को उठाकर युवाओं से वोट मांगे। राज्य में 18 से 39 साल के  करीब 94 लाख युवा मतदाता हैं। विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा का पर्ची खर्ची वाला मुद्दा युवाओं को भेद गया।
उधर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर में बहुमत प्राप्त कर लिया है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हो रहे चुनावों में घाटी में नेशनल कांफ्रेंस को उम्मीद से अधिक सफलता मिली है। जम्मू क्षेत्र में भाजपा को आशा के विपरीत सीटें मिली हैं तो कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस को मतदाताओं ने प्राथमिकता दी है। कांग्रेस घाटी और जम्मू क्षेत्र में कहीं भी अपनी छाप छोडऩे में असफल रही है। मुस्लिम और हिन्दू दोनों वर्गों के मतदाताओं ने कांग्रेस के विकल्प के रूप में घाटी में नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू क्षेत्र में भाजपा को प्राथमिकता दी। भाजपा को मुस्लिम मतदाताओं ने पूरी तरह से ठुकरा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा जहां दूध-दही का खाना, वैसा है अपना हरियाणा। हरियाणा के लोगों ने कमाल कर दिया। आज नवरात्रि का छठा दिन है, मां कात्यायनी का दिन। मां कात्यायनी विराजमान हैं हाथ में कमल लिए हुए एक शेर पर, वह हम सभी को आशीर्वाद दे रही है, ऐसे पवित्र दिन पर, हरियाणा में तीसरी बार कमल खिला है।
मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव हुए, वोटों की गिनती हुई और परिणाम घोषित हुए और यह भारतीय संविधान और लोकतंत्र की जीत है। जम्मू-कश्मीर की जनता ने एनसी गठबंधन को जनादेश दिया, मैं उन्हें भी बधाई देता हूं. वोट शेयर प्रतिशत पर नजर डालें तो जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
कांग्रेस हरियाणा में अपनी हार के लिए तंत्र को दोषी ठहरा रही है लेकिन जम्मू-कश्मीर में अपनी दयनीय स्थिति के लिए  उसके पास कोई उत्तर नहीं है। कांग्रेस को अब नकारात्मक व तुष्टीकरण की राजनीति त्याग कर सकारात्मक नीति अपनानी होगी। लोकसभा चुनावों के बाद  राहुल गांधी के जो हाव-बोल थे वे एक अपरिपक्व राजनीतिज्ञ के जैसे थे।मोदी का विरोध करते-करते कब वह देश विरुद्ध बोल जाते हैं संभवत: इसका उनको एहसास ही नहीं है। विशेषकर विदेशों में जाकर जो कुछ उन्होंने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और अल्पसंख्यक समुदायों को लेकर कहा वह बड़ा आपत्तिजनक था और राष्ट्र हित के विरुद्ध था। इसके ठीक विपरीत प्रधानमंत्री जब विदेश यात्रा पर गए और जो कहा उससे देश का मान-सम्मान बढ़ा।
कांग्रेस ने हरियाणा में किसान, जवान और पहलवानों के मुद्दे के साथ-साथ जातिवाद को बढ़ावा दिया। भाजपा ने विकास व प्रदेश हित की बात की। भाजपा सकारात्मक राजनीति कर रही थी और कांग्रेस नकारात्मक राह पर थी, लोगों ने सकारात्मकता को अपना समर्थन दिया। उपरोक्त सभी मुद्दों से अलग जिस मुद्दे ने मतदाता को प्रभावित किया या जिसने मतदाता को भाजपा के लिए मत देने के लिए बाध्य किया वह था कांग्रेस का इजराइल का विरोध करना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इजराइल के साथ खड़े थे और कांग्रेस हिजबुल्ला व हमास तथा हूती जैसे आतंकवादियों के साथ सहानुभूति दिखा रही थी। कांग्रेस की यह नीति मतदाता विशेषता हिन्दू मतदाताओं को राष्ट्रविरोधी लगी, उसने राष्ट्रहित में भाजपा को अपना मतदान किया।
स्थानीय मुद्दों के अलावा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों ने भी जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव परिणामों को प्रभावित किया है। यह बात घाटी में नेशनल कांफ्रेंस को मिली जीत से भी समझी जा सकती है। घाटी में हमास व हिजबुल्ला के साथ नेशनल कांफ्रेंस सहानुभूति रखती है, भाजपा विरोध करती है।
लोकसभा चुनाव में आंशिक सफलता पाने के बाद विपक्ष जो नैरेटिव गढ़ रहा था और भाजपा की लोकप्रियता में कमी की बात प्रचारित कर रहा था अब उस पर लगाम लगना तय है। विधानसभा चुनाव परिणामों ने भाजपा को राहत दी है और आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को लाभ मिलेगा और कांग्रेस समेत विपक्ष की मुश्किलें बढ़ेंगी। जाहिर है कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली 99 वाली सफलता ने उसे बौरा दिया था लेकिन अब ऊंट पहाड़ के नीचे आ चुका है और उसके वजूद पर सवाल उठा रहा है। भाजपा की लोकप्रियता को कमतर आंकना गलत होगा।
(मनोज कुमार अग्रवाल-विभूति फीचर्स)

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय