लखनऊ। राहुल गांधी सिर्फ अंग्रेजों द्वारा अपनायी गयी फूट डालो, राज करो की नीति पर काम कर रहे हैं। उनको किसी जाति से कुछ भी लेना-देना नहीं है। यदि वे जातिगत जनसंख्या ही जानना चाहते हैं तो कांग्रेस शासित राज्यों में उन्होंने जनगणना क्यों नहीं करायी। अपनी जाति क्यों नहीं बताते हैं। यदि वे अपनी जाति नहीं बताते तो फिर दूसरों से पूछने की अपेक्षा कैसे करते हैं। ये बातें उप्र सरकार की पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वाती सिंह ने कही।
वे राहुल गांधी द्वारा बार-बार उठाये जा रहे जातिगत जनगणना के मुद्दे पर साेमवार काे जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को देश के हित से कोई मतलब नहीं है। उनको सिर्फ सत्ता की भूख है। वे किसी भी तरह से सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। यही कारण है कि जब उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला तो वे जातिगत आधार पर लोगों के बीच झगड़ा लगाना चाहते हैं। यदि वे जातिगत जनगणना भी कराना चाहते हैं तो उन्होंने कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में क्यों नहीं जातिगत जनगणना कराते हैं।
स्वाती सिंह ने कहा कि इससे पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस का शासन था, लेकिन उन्होंने वहां कभी जातिगत जनगणना कराने की नहीं सोची। यदि वे वास्तव में जातिगत जनगणना कराना चाहते तो उन्हें बिहार की तरह राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल में पहले जातिगत जनगणना कराकर एक नजीर पेश करना चाहिए था।
स्वाती सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की छल करने वाली नीति को जनता समझ चुकी है। यही कारण है कि लाख कोशिशों के बावजूद, छल का सहारा लेने के बाद भी वे लोकसभा में सैकड़ा तक नहीं पहुंच पाए। आने वाले दिनों में उनकी झुठी गारंटी का जवाब जनता अवश्य देगी। इसके साथ ही उप्र में समाजवादी पार्टी को भी जनता सबक सिखाएगी।
स्वाती सिंह ने कहा कि एक तरफ नरेंद्र मोदी भारत की एकता कायम रखने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी और इंडी गठबंधन इसके बिखंडन का कुचक्र रच रहा है। भारत का विकास इंडी गठबंधन को पच नहीं रहा है। यही कारण है कि इंडी गठबंधन के लोग तरह-तरह के कुचक्र का सहारा लेते हैं।