यरूशलम। इजरायल की सेना ने स्वीकार किया कि उसने पिछले दो दिनों में लेबनान में कई हमले किए हैं। हालांकि उसने दावा किया ये हमले दरअसल हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन को रोकने की कोशिशों के तहत किए गए। सेना ने एक बयान में कहा कि उसने एक चर्च को निशाना बनाया जिसका इस्तेमाल हिजबुल्लाह के आतंकवादी कर रहे थे। इसमें कहा गया कि उग्रवादियों ने कथित तौर पर चर्च से इजरायली सैनिकों पर गोलीबारी की थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने इजराली समाचार आउटलेट वाईनेट के हवाले से यह जानकारी दी। इन कथित उग्रवादियों की पहचान इजरायली पक्ष ने हिजबुल्लाह के खियाम ग्राउंड डिफेंस, एंटी टैंक मिसाइल और आर्टिलरी इकाइयों के सदस्यों के रूप में की है। बयान में कहा गया, “पिछले दिनों, आईडीएफ (इजरायल डिफेंस फोर्स) ने लेबनान में कई जगहों पर ऑपरेशन चलाया, ताकि युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन करने वाले खतरों को दूर किया जा सके।
आईडीएफ लेबनान में बना हुआ है और इजरायल राज्य के लिए किसी भी खतरे के खिलाफ काम कर रहा है।” इससे पहले रविवार को फ्रांसीसी राजनयिकों ने चेतावनी दी थी कि इजरायल ने कम से कम 52 अलग-अलग घटनाओं में लेबनान के साथ संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया है। फ्रांस ने चेतावनी दी कि इस तरह के उल्लंघन से इस नाजुक समझौते को नुकसान पहुंचने का खतरा है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार 27 नवंबर को सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हुआ था।
इसके साथ ही करीब 13 महीनों ने जारी इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष थम गया। इससे पहले 26 नवंबर को यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा कि इजरायल और लेबनान के बीच हुए युद्ध विराम समझौते के बाद लेबनानी सेना एक बार फिर अपने क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी। उन्होंने कहा, “अगले 60 दिनों में, इजरायल धीरे-धीरे अपनी बाकी सेना को वापस बुला लेगा – दोनों पक्षों के नागरिक जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने समुदायों में वापस लौट सकेंगे और अपने घरों का पुनर्निर्माण शुरू कर सकेंगे।
“जो बाइडेन ने अपने भाषण में गाजा में लड़ाई रुकने का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा, “जिस तरह लेबनान के लोग सुरक्षा और समृद्धि के भविष्य के हकदार हैं, उसी तरह गाजा के लोग भी हैं। वे भी लड़ाई और विस्थापन के अंत के हकदार हैं।”