नई दिल्ली| संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार के दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत की। किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर किसान एक बार फिर सड़कों पर आने की तैयारी कर रहे हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि 20 दिन बाद दिल्ली में एक बड़ा आंदोलन करेंगे।
किसान नेताओं ने कहा कि बिना आंदोलन के सरकार एमएसपी नहीं देगी। दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रही सयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन करने पड़ेंगे किसानों की जमीनें छीनी जा रही है। हमको अपने स्टेट में आंदोलन करने पड़ेंगे, गांव में कमेंटिया बनानी पड़ेगी, गांव में कमेटिया नहीं बनेगी तो जहां भीड़ को बुलाना है वहां भीड़ नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि एक प्रदेश में नहीं सभी प्रदेशों में किसानों के साथ प्रॉब्लम है उन्होंने कहा कि बीच में हम आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक गए वहां भी सरकारें किसानों की जमीन छीनने की पॉलिसी ला रही है इसलिए जरूरी है कि आंदोलन आंदोलन हो। उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात पर कहा कि आज सरकार ढाई साल बाद उनसे मिली है।
राकेश टिकैत ने केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि उनसे कटाक्ष किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने मुलाकात के दौरान कहा कि आप आंदोलन करते रहो। सरकार बातचीत करती रहेगी। किसान नेता ने कहा कि बेरोजगारी बढ़ रही है। किसान की फसल का लाभकारी दाम तय नहीं हो रहा, लेकिन इन समस्याओं का रास्ता आंदोलन से ही निकलेगा।
उन्होंने महापंचायत आयोजन के लिए राष्ट्रीय किसान मोर्चा का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि अच्छी व्यवस्था रही। चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि आज ढाई साल बाद सरकार से बातचीत का रास्ता खुला है। उन्होंने कहा कि वह अपना आंदोलन नहीं छोड़ेंगे, पंचायत नहीं छोड़ेंगे। राकेश टिकैत ने बताया कि बिजली, एमएसपी, मुकदमों और फसल नुकसान पर बातचीत हुई। उ
न्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन करते रहो। वह बातचीत करते रहेंगे। किसान नेताओं पर छापे पडऩे के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन नेताओं ने पेट्रोल पंप या दूसरे कारोबार कर रखे हैं उन्हें तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।
किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान में 2,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था । रामलीला मैदान में जारी महापंचायत से पहले किसानों का प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के लिए कृषि भवन पहुंचा था । इसमें दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, युद्धवीर सिंह सहित दूसरे नेता शामिल रहे ।
केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ किसानों की एक बैठक 5 प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। 1. एमएसपी गारंटी कानून 2. शहीद किसानों के परिवारों को लंबित मुआवजा दिया जाये। 3. किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाये। 4. अजय मिश्रा टेनी को हटाया जाए। 5. विद्युत संशोधन विधेयक।
इस बैठक के बाद बाद किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि ये सरकार आंदोलन के बिना हमें एमएसपी नहीं देगी। अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो आने वाले 20-21 दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने एमएसपी कमेटी की मांग नहीं की, “हमने एमएसपी गारंटी कानून की मांग की है। आपसी सहमति से मसले को सुलझाना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में पंचायतों का आयोजन करता है। हमने कभी एमएसपी पर कमेटी की मांग नहीं की। हमने एमएसपी गारंटी कानून की मांग की है। उन्हें संसद में बिल पेश करना चाहिए और इसे पास करना चाहिए। “