नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायिक प्रक्रिया में देश के बीच सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए शनिवार को कहा कि कभी-कभी एक देश में न्याय सुनिश्चित करने के लिए दूसरे देशों के साथ काम करने की आवश्यकता होती है।
मोदी राजधानी में आयोजित राष्ट्रमंडल देशों के महान्यायवादियों और महाधिवक्ताओं के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा “जब हम सहयोग करते हैं, तो हम एक-दूसरे की व्यवस्थाओं को को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि यदि देश एक दूसरे की न्यायिक प्रणालियों को को अधिक अच्छी तरह समझते हों तो ,ताल में बढ़ता है।
तालमेल से न्याय करने का काम बेहतर और तेज होता है।
इस सम्मेलन का आयोजन कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन के तत्वधान में किया गया है। सम्मेलन का विषय है- ‘न्याय दिलाने में सीमा – पर चुनौतियां’।
इस सम्मेलन में कानून और न्याय से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों ,जैसे न्यायिक परिवर्तन और कानूनी कार्य प्रणाली के नैतिक आयाम, सरकारों का दायित्व और अन्य बातों के अलावा आधुनिक शिक्षा पर पुनर ध्यान देने के बारे में विचार विमर्श किया जाना है। सम्मेलन में एशिया , प्रशांत अफ्रीका और कैरेबियाई क्षेत्र के राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल भाग ले रहे हैं । इसके अलावा कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में आए हैं।