प्रयागराज । प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के 25 दिन बाद बुलडोजर के एक्शन की बारी उन शूटरों की संपत्ति पर आई है, जिन्होंने हत्याकांड को अंजाम दिया।
पांच लाख के इनामी शूटर मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल ने कबूला कि शूट आउट की तस्वीरो में दिख रहा शख्स मेरा भाई ही है, मोहम्मद गुलाम ही है। प्रयागराज के महदौल इलाके में स्थित शूटर मोहम्मद गुलाम के पुश्तैनी मकान और दुकान को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बिना नक्शा पास होने के चलते जमींदोज कर दिया। बुलडोजर के एक्शन को देखकर एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था।
पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची, तब घरवाले खुद ही सामान को निकालने में लग गए। गुलाम की मां और भाई मिलकर घर की जमा गृहस्थी को पड़ोसी के घर में पहुंचाने लगे। गुलाम की मां का कहना है कि उनका यह मकान, तब सास ससुर ने दिया था, मोहम्मद का मकान से कोई वास्ता नहीं है, बंटवारे में मोहम्मद गुलाम को जो हिस्सा दिया था, वह मोहम्मद गुलाम बेचकर चला गया था और अब अपनी ससुराल के पास रहता हैं।
गुलाम के भाई राहिल हसन का कहना है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कभी उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया, मीडिया से पता चला कि प्राधिकरण के लोग इस मकान को गिराने आ रहे हैं, मोहम्मद गुलाम से उनका लंबे समय से कोई वास्ता नहीं, कोई बातचीत तक नहीं होती थी, ना हीं कभी प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने उन्हें कोई नोटिस दिया है।
मोहम्मद गुलाम की मां और भाई राहिल हसन ने कहा कि गुलाम ने बहुत गलत किया है, अगर पुलिस मोहम्मद गुलाम का एनकाउंटर करती है, तब वहां ना उसका चेहरा देखेंगी और ना ही उसका शव लेगी। राहिल हसन, प्रयागराज बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का कार्यकर्ता था। उमेशपाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा को ही भंग कर दिया गया था।
गुलाम उस गैंग का अहम हिस्सा है, जिसने उमेश पाल की सुपारी ली थी। वारदात वाले दिन मोहम्मद गुलाम, उमेश पाल के घर की गली में मौजूद एक इलेक्ट्रिक दुकान मे खड़ा था। साजिश की ब्लू प्रिंट को हिसाब से तैयारी पूरी थी। मोहम्मद गुलाम… उमेश पाल का इंतजार कर रहा था और दुकानदार से बात कर रहा था।