Saturday, May 18, 2024

अनमोल वचन

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

तुम्हारे जीवन में देवी सम्पदा बढ रही है, मन विषय भोगों से हट रहा है। भगवान के प्रति आकर्षण बढ रहा है। अध्यात्म की चर्चाओं से मन में शान्ति और आनन्द की वृद्धि हो रही है, उसकी गति कम हो या अधिक तो समझ लो प्रभु प्राप्ति का मार्ग तुमने पा लिया है। इसके विपरीत तुम्हारे जीवन में आसुरी सम्पत्ति बढ रही है, मन विषय भोगों की ओर आकर्षित हो रहा है, प्रभु नाम स्मरण से विरक्ति हो रही है, मन में अशान्ति तथा चिंता की वृद्धि हो रही है गति भले ही मंद भी हो तो मान लो कि तुम परमात्मा से दूर जा रहे हो, तुम्हारा पतन हो रहा है। अपने अन्दर झांकने का कष्ट करो, अपनी सच्चाई को जानो। याद रखो जो तुम भीतर से हो वही तुम्हारा असली रूप है, असली चेहरा है। बाह्य आवरण की सुन्दरता का कोई महत्व है ही नहीं। जो मनुष्य हृदय से पवित्र, इन्द्रियों से संयमी, मन से निर्मल अतिथि तथा विद्वानों, बुजुर्गों की सेवा में तत्पर तथा पवित्र आहार करने वाला है, उसके पास दैवी सम्पदा का खजाना भरपूर होता है। जीवों के हितैषी, क्षमा, शील, दयालु, अपने तथा परायो को सुख पहुंचाने वाले परोपकारी मनुष्यों से परमात्मा प्रसन्न रहते हैं, वही प्रभु का सच्चा भक्त होता है। उसकी कीर्ति दूर-दूर तक फैलती है।

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