आज वासन्ती नवरात्र की दुर्गाष्टमी है। आज के दिन घर-घर में कन्या पूजन होगा। उनका सत्कार होगा, उन्हें श्रद्धा से भोजन कराकर भेंट दी जायेगी ताकि मां दुर्गा की प्रसन्नता, प्यार और आशीर्वाद प्राप्त हो सके, परन्तु नवरात्रों में मात्र कन्या पूजन करने से ही आपको इष्ट सिद्धि हो जाये यह सम्भव नहीं।
मां का प्यार और प्रसन्नता पाने के लिए मनुष्य को हजारों अवसर प्राप्त होते हैं। यह उसके विवेक पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार उनका उपयोग करता है। उन अवसरों को खोजने की आवश्यकता आपको नहीं पड़ेगी। आप किसी भी अभावग्रस्त का भला कर दुआ पा सकते हैं। किसी ठंड से कांपते वृद्ध को अपने हाथ से कम्बल ओढा दें, किसी गरीब की बेटी को डोली में बैठाने में आर्थिक सहयोग कर दें, किसी निर्धन बच्चे की पढ़ाई में खर्च कर दें। इसमें फल सुफल पर विचार न कर अपना कर्तव्य पूरा कर देवी मां की कृपा के पात्र बनें।
जब आप इस प्रकार के शुभ कर्म करोगे तो मां दुर्गा आपको आशीर्वाद देगी। साथ में एक निशानी भी देगी जैसे किसी भूखे को भरपेट भोजन कराकर देखें। तृप्त होकर जब वह आपकी ओर कृतज्ञ भाव से देखेगा तो उसके मौन से निकली दुआ से आपकी आंखें डबडबा जाएंगी, आंखों में मोती झिलमिला उठेंगे। यही उसकी निशानी है। समझो आपका दान मां दुर्गा ने स्वीकार कर लिया। समझो कि उसकी कृपा की पात्रता आपको प्राप्त हो गई।