Thursday, May 16, 2024

अनमोल वचन

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

कई बार यह वाक्य सुनने में आता है कि आज का आदमी बड़ा स्वार्थी हो गया है, क्योंकि आदमी अपने तथा अपने परिवार के प्रति तो बहुत उदार रहता है, परन्तु दूसरों के प्रति उपेक्षा का भाव रखता है। अपने थोड़े से दुख को भी दुख मानता है और दूसरा चाहे जितने भी संकट में हो, कितना भी दुखी और कष्टमय हो, उसकी ओर से आंखे फेर लेता है, क्योंकि वह अपने तक ही सीमित रहना चाहता है।

अपने अज्ञान के कारण वह स्वयं को दूसरों से भिन्न मानता है। जन्म मरण का, शोक-कष्ट का, उत्पीडऩ तथा भ्रष्टाचार जैसे पापों का मूल कारण भी यही है। भेदभाव और द्वेष करना ही मृत्यु है। अभेद, अनेकता में एकता, सब जीवों में उस प्रभु को देखना, सबसे यथाचित व्यवहार करना, सबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति मानना ही जीवन है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

आईये हम सभी प्रभु से प्रार्थना करे कि वह हमें सन्मार्ग की ओर चलने को प्रेरित करे और वह सन्मार्ग है कि सभी को प्रभु का अंश माने, सबके दुख को अपने दुखों के समान माने। दूसरों के साथ वही व्यवहार करे जैसे व्यवहार की अपेक्षा हम अपने साथ दूसरों से करते हैं, जो व्यवहार अपने साथ प्रतिकूल जान पड़े वह व्यवहार दूसरों से कदापि न करे। यही उचित है, यही तप है, यही धर्म है और यही सन्मार्ग है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय