Friday, November 22, 2024

अनमोल वचन

एक लोकोक्ति के अनुसार खाली दिमाग शैतान का घर है, अर्थात जब व्यक्ति निकम्मा होकर बैठ जायेगा उसका चिंतन नकारात्मक हो जायेगा। कोई भी रचनात्मक बात वह सोच ही नहीं पायेगा। उसके विचार अपवित्र होने लगेंगे। विचारों में अपवित्रता न आने पाये इसके लिए व्यक्ति को अपना जीवन पुरूषार्थ मय बनाना चाहिए। जब आदमी आलस्य और प्रमाद के वशीभूत होकर निकम्मा और खाली रहने लगता है, तभी बुरे विचार उसके भीतर उत्पन्न होने लगते हैं, इसलिए उक्त लोकोक्ति शत-प्रतिशत सटीक है, वेद का कथन है कि हम सौ वर्ष तक जिये, परन्तु मृत्यु पर्यन्त हम सक्रिय बने रहें। मानव योनि को कर्म योनि कहा गया है। कर्मशीलता से ही उसकी सार्थकता है, कर्मशीलता जिसके जीवन में है, जो पुरूषार्थ करता है, जो सदा सक्रिय है जीवन में सफलता उसी को प्राप्त होती है, आलसी मनुष्य पापी होता है और पुरूषार्थी का मित्र ईश्वर होता है, इसलिए पुरूषार्थी बनो।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय