Monday, November 4, 2024

अनमोल वचन

जहां जन्म है, वहां मृत्यु है और जहां मृत्यु है, वहां जन्म है। जन्म और मृत्यु परस्पर जुड़े हुए हैं, बल्कि कहना यह उचित होगा कि एक ही रस्सी के दो सिरे हैं। जन्म और मृत्यु का आपस में अखंड सम्बन्ध है। जैसे देह के साथ छाया जुड़ी रहती है, वैसे ही जन्म के साथ मृत्यु जुड़ी रहती है।

ऐसा नहीं कि हम साठ वर्ष पहले जन्मे थे और चालीस वर्ष बाद मरेंगे। जन्म और मृत्यु में एक सौ वर्ष का अन्तराल नहीं हैं। जन्म और मृत्यु तो कदम से कदम मिलाकर चलते हैं। मृत्यु तो किसी भी समय आ सकती है। क्या कोई दावे से कह सकता है कि मेरी मृत्यु इतने वर्ष बाद होगी। हां यह निश्चय से कहा जा सकता है कि मृत्यु होगी।

सच यही है कि जीवन हर क्षण काल के गाल में प्रवेश करता जा रहा है, क्या पता कब कौन सा श्वास अंतिम श्वास हो जाये। इसलिए शुभ कार्यों को करने में प्रमाद मत करो। याद रखो जो संसार में आया है उन सबकी मृत्यु होती है, निश्चित होती है, पर मृत्यु की मृत्यु नहीं होती। इसलिए मृत्यु का स्मरण रखते हुए सारे सांसारिक कार्य करो, सारे कर्तव्यों का पालन करो।

सबसे अच्छा व्यवहार करो। वह व्यवहार किसी के साथ न करो जो तुम्हें अपने साथ पसंद नहीं। धन भी कमाओं, परन्तु धन ही न कमाओ। धन के साथ-साथ धर्म भी कमाओ ताकि इस लोक के साथ परलोक भी सुधरे।

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