Wednesday, January 8, 2025

अनमोल वचन

जीवन मार्ग पर हम चलते तो बहुत हैं, लेकिन पहुंचते कहां है। कई लोग कहते हैं कि हम बहुत सक्रिय रहते हैं, परन्तु उपलब्धि नगण्य है। वैसे सक्रिय तो लकड़ी का घोड़ा भी होता है, पर वह पहुंचता कहीं नहीं। निरूद्देश्य सक्रियता व्यर्थ है।

सक्रियता ऐसी हो जो हमें लक्ष्य तक पहुंचाये, परन्तु उससे भी पहले लक्ष्य का निर्धारण होना भी जरूरी है। बहुत से लोग लक्ष्य निर्धारित करते हैं कि हमें इतना धन कमाना है, परन्तु विचार यह भी कीजिए कि धन कमाना किस रास्ते से। धन कमाओ, खूब कमाओ इसकी आज्ञा वेद भी देता है।

वेद की अनेक ऋचाओं में धन की ऐश्वर्य की चर्चा है। यह भी प्रार्थना की जाती है कि सौ वर्ष तक अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ इन्द्रियों के साथ हमारा वैभव, हमारा ऐश्वर्य बना रहे। नैतिक मार्ग से पर्याप्त धन कमाओ, धन नहीं कमाओगे तो धर्मार्थ कार्यों में कहां से खर्च करोगे, पर ऐसे न कमाओ कि कानून तुम्हारा पीछा करता रहे और तुम छिपते फिरो न दिन में चैन न रात को निद्रा। फिर ऐसे धन से क्या लाभ?

इसलिए सदैव ध्यान रखो कि धन कमाने में पवित्र साधनों का उपयोग हो, उनमें शुचिता हो, पवित्रता हो, यह सात्विक भाव मन में सदा बना रहे।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,684FansLike
5,481FollowersFollow
137,217SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!