संसार की सारी दौलत भी यदि तुम्हारी ही जो जाये तो क्या दौलत को छाती पर रखकर किसी को नींद आई आज तक। सामान्य रूप से यदि किसी को नींद न आती हो तो नींद की गोली खाकर सो सकता है, परन्तु धन और आभूषण छाती पर लादकर उसो नींद आने वाली नहीं है, बल्कि नींद आती भी हो तो यह धन और आभूषण उसकी नींद भगा देंगे, फिर करोगे क्या दौलत के अम्बार लगाकर। परिश्रम और ईमानदारी से इतना आपको मिल ही जाना है कि ठीक प्रकार से गुजारा हो जाये। दौलत का संग्रह हम चाहे जितना कर ले, उस दौलत से हमें सुख मिल जायेगा, इस गलतफहमी में मत रहो। दौलत अधिक बढाकर झगडे ही जन्म लेते हैं और कुछ होता नहीं। तुम्हारे पास बडे से बडा घर हो, तब भी तुम एक समय पर एक ही कमरे में सोओगे। यह तो होगा नहीं कि एक कमरे में बाह उतारी, दूसरे टांग और तीसरे में सिर क्या ऐसे कोई सोता है। अरे भाई एक कमरे में भी एक पलंग पर सोओगे और उस एक पलंग के भी एक कोने में ही सो पाओगे फिर काहे को आपाधापी मचा रखी है।