जैसे रेलगाडी में यात्रा कर रहे यात्री के टिकट की अवधि घटती रहती है वैसे ही शरीर रूपी डिब्बे में सवार यात्री की आयु रूपी टिकट की अवधि भी घटती रहती है। जैसे टिकट अवधि समाप्त होने पर रेलवे के कर्मचारी न उतरना चाहने पर भी बलपूर्वक गाडी से उतार देते हैं, वैसे ही आयु की अवधि समाप्त होते ही काल भगवान इस जीव रूपी यात्रा को न चाहते हुए भी बलात धक्का देकर शरीर रूपी डिब्बे से बाहर निकाल देते हैं। इसलिए अपने कल्याण मार्ग में प्रमाद मत करो, भजन, साधना के लिए आलस्य मत करो। काल किसी पर दया नहीं करता। इस शरीर को तो एक दिन छोडना ही पड़ेगा। जीवन में शुभ कार्य नहीं करोगे तो यह सोचिए कि मृत्यु समय क्या दशा तुम्हारी होगी।