देहरादून। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने सोमवार को पौड़ी की जिला कारागार का निरीक्षण किया और महिला बंदियों को मिलने वाली सुविधा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने महिला बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को भी सुना।
आयोग की अध्यक्ष ने महिला बंदियों को खाने-पीने के लिए दिया जाने वाला भोजन, चिकित्सकीय उपचार व अन्य व्यवस्थाएं परखीं।
महिला कैदियों से बातचीत के दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि यदि किसी भी महिला कैदी को यहां रहने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना करना पड़ रहा हो तो वे बेझिझक उन्हें बता सकती हैं। उन्होंने कहा कि वे महिला बंदियों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास करेंगी, ताकि कारागार से बाहर आकर महिलाएं अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकें। उन्होंने कहा कि जेल में महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण तथा उन्हें व्यवसाय के उद्देश्य से कच्चा सामान भी दिया जाए, ताकि महिला कैदी के बने सामान को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर बाजार तक पंहुचाया जाए। इस मौके पर कारागार अधीक्षक डीपी सिन्हा ने बताया कि 10 कैदियों की क्षमता वाले महिला बैरक में वर्तमान में आठ महिला बंदी रह रही हैं।
वन स्टॉप सेंटर में तैयार शेल्टर की देखी स्थिति
आयोग की अध्यक्ष ने वन स्टॉप सेंटर (सखी) का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सेंटर में पीड़ित महिलाओं के लिए तैयार शेल्टर की स्थिति देखी। उन्होंने सखी सेंटर में दर्ज शिकायतों की भी जानकारी ली और पाया कि सेंटर में दर्ज 422 शिकायतों में सभी का निस्तारण हो चुका है। इस दौरान उन्होंने केस रजिस्टर भी देखा।
आईसीसी कमेटियों को दुरुस्त करने के निर्देश
निरीक्षण के उपरांत आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. आशीष चौहान से महिला सुरक्षा व अधिकारों को लेकर चर्चा की। उन्होंने समस्त विभागों में आईसीसी कमेटियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाएं नए कदम
आयोग अध्यक्ष ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में नए कदम उठाने होंगे, ताकि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का समस्त मातृशक्ति को लाभ मिल सके। उन्होंने ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्र की महिलाओं-बेटियों को समूहों से जोड़ने, राज्य आंदोलनकारी बीना भंडारी की नई पहल कूड़ा घर बने पार्कों को फुलवारी में परिवर्तित करने में सहयोग देने, जनपद में बाहर से आकर रह रहे मजदूरों, रेहड़ी फेरी वालों के सत्यापन के भी निर्देश दिए।