Wednesday, May 22, 2024

महिला आरक्षण बिल कानून बना, राष्ट्रपति ने साइन किए:गजट नोटिफिकेशन भी जारी

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

नई दिल्ली। नारी शक्ति वंदन अधिनियम अर्थात महिला आरक्षण बिल कानून बन गया है। शुक्रवार 29 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर दस्तखत कर दिए। इसके साथ ही सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

 

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आपको बता दें कि अब इस बिल के कानून बन जाने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। हालांकि, आरक्षण नई जनगणना और परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा।

 

अब ये बिल विधानसभाओं में भेजा जाएगा। इसे लागू होने के लिए देश की 50% विधानसभाओं में पास होना जरूरी है। लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं, नारी शक्ति वंदन कानून के तहत लोकसभा में 181 महिला सांसद रहेंगी।

 

सरकार ने 5 दिन का स्पेशल सत्र बुलाया था, इसी में बिल पेश किया

सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। इसका एजेंडा नहीं बताया गया था, इसको लेकर विपक्ष ने आलोचना भी की थी। 18 सितंबर की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। मीटिंग के बाद कोई प्रेस ब्रीफिंग नहीं की गई। अंदरखाने से खबर आई कि सरकार 19 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल ला सकती है। बात सही निकली। 19 सितंबर को सरकार ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन बिल पेश कर दिया।

 

20 सितंबर को लोकसभा में बिल पर 7 घंटे चर्चा हुई। इसमें 60 सांसदों ने भाग लिया। शाम को पर्ची से हुई वोटिंग में बिल पास हो गया। समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट डले।

 

21 सितंबर को बिल पर राज्यसभा में चर्चा हुई। यहां बिल सर्वसम्मति से पास हो गया और किसी ने बिल के खिलाफ वोट नहीं दिया। हाउस में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया था।

नई संसद में कामकाज के पहले दिन पेश हुआ था बिल

नई संसद में कामकाज के पहले दिन यानी 19 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पेश किया गया। इस बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा।

 

लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।

 

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