ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण में अधिकारियों ने एक फर्जीवाड़ा पकड़ा है। जिसके मुताबिक फर्जी दस्तावेज तैयार कर 4 करोड़ रुपए का मुआवजा उठाने की कोशिश की जा रही थी। फाइल तहसील स्तर से अप्रूव होकर यमुना अथॉरिटी भी पहुंच गई थी। इस मामले को लेकर अब यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने रबूपुरा थाना पुलिस को एक कंप्लेंट दी है। जिसके मुताबिक मामला दर्ज कर जांच की जाए।
मामले के मुताबिक असली किसान की करीब 14 हजार वर्गमीटर जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर चार करोड़ से अधिक का मुआवजा उठाने के लिए फाइल प्राधिकरण कार्यालय में जमा कर दी गई। फाइल में गड़बड़ी मिलने पर मामला पकड़ में आया गया। जिसके बाद मामले की जांच की गई। इस प्रकरण में फाइल पर तहसीलदार से लेकर लेखपाल तक के फाइल पर हस्ताक्षर मिले हैं। जिसे देखते हुए तहसीलदार ने लेखपाल से स्पष्टीकरण मांगा है।
यमुना प्राधिकरण जेवर तहसील के रबूपुरा कस्बे की जमीन को सेक्टर-28 के रूप में विकसित कर रहा है। इस जमीन पर मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने के लिए करीब 80 प्लॉट आवंटित किए जा चुके हैं। रबूपुरा के कुछ खाता संख्या में जमीन अभी प्राधिकरण ने नहीं खरीदी है। खसरा संख्या 1495 में 1.3880 हेक्टेयर जमीन रबूपुरा निवासी ओमवती पत्नी सौराज की है। मगर उनकी जानकारी के बिना ही किसी ने तथाकथित ओमवती पत्नी सौराज निवासी किला मेरठ के नाम से मुआवजा के लिए फाइल तैयार कराकर जमीन को आपसी सहमति के आधार पर देने के लिए प्राधिकरण के समक्ष आवेदन कर दिया। प्राधिकरण में फाइल आगे बढ़ी तो अधिकारियों ने देखा कि किसान ने पुरानी दरों पर मुआवजा लेने के लिए सहमति दे रहा है।
शक होने पर प्राधिकरण के अधिकारियों ने रबूपुरा लक्ष्मीबाई नगर निवासी किसान ओमवती के घर टीम भेजकर जांच कराई। इसमें पता चला कि रबूपुरा निवासी किसान ने कोई सहमति पत्र प्राधिकरण को नहीं दी है। फजीर्वाड़ा कर फाइल जमा कराई गई थी। इस संबंध में पीड़िता की ओर से यमुना प्राधिकरण में आपत्ति दर्ज कराई। मामले के फर्जी होने की पुष्टि होने पर प्राधिकरण ने तहसील को रिपोर्ट भेजकर इस मामले में जवाब-तलब किया है।