नयी दिल्ली- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वह ‘मित्रकाल’ में लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस लड़ाई में सत्य ही उनका एक मात्र मित्र है।
श्री गांधी को मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत ने सजा सुनाई थी जिसके कारण उनकी लोकसभा की सदस्यता खत्म की गई थी। श्री गांधी सोमवार को सूरत की अदालत में पेश हुए जहां उन्हें जमानत मिली है।
कांग्रेस नेता ने इस संबंध में ट्वीट किया , “ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा। मैं यहां देश के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज को बचाने के लिए आया हूं।”
इस बीच कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बताया कि युवा कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता सूरत जा रहे थे जिन्हें पुलिस ने रोका और हिरासत में लिया है। पार्टी ने कहा “राहुल गांधी का समर्थन करने कांग्रेस के कुछ युवा साथी सूरत जा रहे थे लेकिन नवसारी रूरल पुलिस स्टेशन ने मोदी सरकार इन युवाओं को पकड़क कर हिरासत में लिया। मोदी सरकार ने अपनी कायरता और तानाशाही का शर्मनाक सबूत दिया।”
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने भी यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया , “गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को सूरत जाने से रोकने के लिए अवैध गिरफ़्तारी करने के समाचार लगातार मिल रहे हैं।
भाजपा का अलोकतांत्रिक चेहरा बार-बार बेनक़ाब हो रहा है। कांग्रेस इन सब हरकतों की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग करती है।”
इससे पूर्व उन्हें गुजरात के सूरत की एक सत्र अदालत ने सोमवार को जमानत दे दी। अदालत इस मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील पर 13 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इससे पहले, कांग्रेस नेता निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ सत्र अदालत में याचिका दायर करने के लिए सूरत पहुंचे, जिसमें उन्हें आपराधिक मानहानि का दोषी पाया गया था। यह आरोप अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान की गई एक टिप्पणी से उपजा था।
अदालत ने गांधी की याचिका को स्वीकार कर लिया और 13 अप्रैल को सुनवाई के लिए निर्धारित किया। हालांकि, उन्हें 22 अप्रैल तक नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास को खाली करने की एक और समय सीमा का सामना करना पड़ रहा है। राहुल गांधी को आधिकारिक आवास एक सांसद के रूप में आवंटित किया गया था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का नाम मोदी है। जैसे- ललित मोदी और नीरव मोदी आदि।
23 मार्च को सूरत की एक निचली अदालत ने उन्हें भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर एक मामले में पूरे मोदी समुदाय को बदनाम करने का दोषी पाया। राहुल को बाद में एक नियम के तहत लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इस मामले में कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम 2 साल जेल की सजा सुनाई थी, लेकिन आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के लिए सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था।
यदि दोषसिद्धि को पलटा नहीं जाता है, तो वह अगले आठ वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएगा। यदि दोषसिद्धि को पलटा नहीं जाता है, तो वह अगले आठ वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे।