शामली। जनपद में खनन माफियाओं द्वारा नियमों को ताक पर रखकर यमुना नदी का चीरहरण किया जा रहा है।जहा तहसील दिवस में पहुंचे किसानों ने खनन माफिया पर यमुना की जलधारा मोड़कर उनकी फसलों को बरबाद करने का आरोप लगाते हुए प्रसासनिक अधिकारियों से शिकायत की है।जहा अधिकारियों ने किसानों को जांच कर समस्या का समाधान कराए जाने का आश्वासन दिया है।
आपको बता दें कि कैराना थाना क्षेत्र के गांव इस्सापुर खुरगान निवासी दर्जनों किसान कैराना तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे। जहा उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर बताया की उनके समीपवर्ती गांव मंडावर में रेत खनन का पांच साल का पट्टा चल रहा है।
किसानों का आरोप है की खनन माफिया द्वारा नियम कानून को ताक पर रखकर भारी भरकम मशीनों से दायरे से अतिरिक्त खनन किया जा रहा है, साथ ही खनन माफिया ने यमुना नदी के बीच बांध बनाकर यमुना नदी की जलधारा को मोड़कर पानी के बहाव को उनके खेतो की तरफ कर दिया है। जिसके चलते किसानों के खेतो मे भारी कटान हो रहा है और किसानों की फसले बरबाद हो रही है। जिसके चलते किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है।
वही जब किसान खनन माफिया को ऐसा करने से रोकते है तो वह किसी की नही सुनता और लगातार अपनी मनमानी कर रहा है।जिसके चलते किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है। लेकिन खनन अधिकारी कुंभकर्णी नींद से जागने का नाम ही नही ले रहे।किसानों का कहना है, कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो उनकी सारी जमीन धीरे धीरे कटान होकर यमुना नदी में समा जाएगी।
किसानों के पास खेतीबाड़ी के अलावा आय का कोई अतिरिक्त साधन भी नही है।अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब उक्त किसान भूमिहीन हो जायेंगे। जिसके चलते पीड़ित किसानों ने तहसील दिवस में शिकायत कर जल्द से जल्द उक्त स्थान से रेत खनन बंद करवाए जाने की मांग की है।
वही खनन माफियाओं द्वारा यमुना नदी की जलधारा मोड़ने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार इस तरह के मामले सामने आ चुके है। खनन माफिया की मनमानी से बर्बादी के कगार पर पहुंचे किसानों को प्रसनिक अधिकारी कब तक इंसाफ दिला पाते है यह देखने वाली बात होगी।