मुजफ्फरनगर-लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान की हार के बाद पार्टी की अंतर्कलह निरंतर खुलकर सामने आ रही है। पार्टी द्वारा कार्यकर्ताओं से संवाद की प्रक्रिया शुरू करने के बीच डॉक्टर बालियान द्वारा दिया गया एक भाषण पार्टी में नई अंतर्कलह के फिर खुलकर सामने लाने का कारण बन रहा है।
पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता यशपाल पंवार ने डॉक्टर बालियान की टिप्पणी को अपने ऊपर मानते हुए डॉक्टर बालियान के खिलाफ एक तीखा पत्र लिखा है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
मुजफ्फरनगर में लोकसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी में लगातार इस बात की समीक्षा की जा रही है कि आखिर डॉक्टर बालियान क्यों हारे ?, इसी समीक्षा के बाद पार्टी ने यह माना कि शायद कार्यकर्ताओं से संवाद की कमी रही है, इसके बाद हर विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ताओं से संवाद के कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें डॉक्टर बलियान ने कार्यकर्ताओं को उनकी हर लड़ाई में साथ रहने का भरोसा दिलाया है।
ऐसे ही एक कार्यक्रम में डॉक्टर बालियान ने ऐसा कुछ कह दिया, जिसको लेकर पार्टी में अंतर्कलह और बढ़ गई है,सबसे पहले डॉक्टर बालियान का यह पूरा बयान सुनिए –
इसी बयान के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार ने एक पत्र जारी किया है जिसमे कहा है कि पूर्व मंत्री डॉ संजीव बालियान द्वारा जो भाषण दिया गया है, उसमें बिना मेरा नाम लिए मुझे पार्टी विरोधी कार्य के लिए दोषी ठहराया गया है।
उन्होंने कहा कि मेरे घर के बराबर से बिजनौर लोकसभा सीट शुरू होती है और बिजनौर लोकसभा के वर्तमान सांसद चंदन चौहान हो या पूर्व प्रत्याशी भारतेंदु सिंह या विधानसभा प्रत्याशी प्रशांत चौधरी रहे हो,उन्होंने हर बार सहयोग मांगा तो उनके चुनाव में पूरी तरह सक्रियता से काम किया है। यशपाल पंवार ने कहा कि मुजफ्फरनगर के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री ने मुझे ना तो कभी फोन किया और न हीं कार्यालय से कोई सूचना भिजवाई। वे लगातार मेरे बारे में सार्वजनिक टिप्पणी भी करते रहते है। पूर्व मंत्री को किसी को कार्यकर्ता होने का प्रमाण पत्र देने का अधिकार नहीं दिया गया है, यदि किसी को कार्यकर्ता का सर्टिफिकेट देखना है तो कार्यकर्ताओं से पूछ लो और यदि स्वयंसेवक की जांच करनी है तो सब लोगों से जानकारी ले लो, इनका कोई रजिस्टर नहीं होता है।
यशपाल पंवार ने संजीव बालियान पर आरोप लगाते हुए कहा है कि संजीव बालियान ने अपने 10 साल के कार्यकाल में पार्टी को कंपनी की तरह चलाया है और वह सीधे सत्ता के जहाज में बैठ गए थे इसलिए उनका भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं से कोई संपर्क नहीं रहा है और वह कार्यकर्ताओं को लगातार अपमानित
करते थे। कोऑपरेटिव के चुनाव हो, या गन्ना,पंचायत या बैंक के चुनाव हो, सभी पद अपनी इच्छा से तय कर लेते थे और हद तो तब हो गई जब उन्होंने अन्य जातियों पर जातिगत टिप्पणी भी करनी शुरू कर दी और अपनी जाति के अलावा बाकी सब को ‘रिया’ बताना शुरू कर दिया।
यशपाल पंवार ने कहा कि संजीव बालियान बैठक में कार्यकर्ताओं को धमका कर बोलते थे कि- चुप बैठ जा, पता नहीं तेरे सामने कौन बैठा है ?, यह संजीव बालियान के अहंकार का प्रतीक था। यशपाल पंवार ने महिमा कांड का उदाहरण देते हुए कहा कि विश्वकर्मा समाज की बेटी का मरते समय पूर्व सांसद पर आरोप लगाना भी एक गंभीर चिंता का विषय था ,उन्होंने पार्टी और संघ के कार्यकर्ताओं की एक टीम बनाकर डॉक्टर बालियान के आर्थिक साम्राज्य की जांच कराने की मांग की है।