इस्लामाबाद,- अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कांग्रेस समिति को बताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए “लोकतंत्र को मजबूत करने, आतंकवाद से लड़ने और देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने” के लिए 1010 लाख डॉलर के बजट का अनुरोध किया है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार श्री लू ने मंगलवार को सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए लिखित बजट अनुरोध प्रस्तुत करते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान “चुनौतियों ” का सामना कर रहा है और यह अनुरोधित धनराशि उसके लोकतंत्र को मजबूत करेगी, आतंकवाद से लड़ेगी और आर्थिक सुधारों और ऋण प्रबंधन का समर्थन करके अर्थव्यवस्था को स्थिर करेगी। उन्होंने कहा, “बजट अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को 1010 लाख डॉलर दिये जाने का अनुरोध करता है।” उन्होंने कहा, “उस धन का उपयोग लोकतंत्र और नागरिक समाज को मजबूत करने, आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद से लड़ने और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करने के लिए आर्थिक सुधारों और ऋण प्रबंधन का समर्थन करने के लिए किया जाएगा।”
गौरतलब है कि अमेरिका ने पाकिस्तान से नियमित रूप से लोकतांत्रिक मानदंडों का सम्मान करने का आग्रह किया है। पिछले महीने, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के भारी बहुमत ने पाकिस्तान के लोकतंत्र और मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। वहीं पाकिस्तान ने आक्रामक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिंताओं को “अनुचित” बताया था।
इसी तरह अमेरिका ने पूरे क्षेत्र में आतंकवाद के गंभीर खतरे को दूर करने में पाकिस्तान के साथ अपने “साझा हित” पर बार-बार जोर दिया है। बजट अनुरोध दस्तावेज़ के अनुसार, राष्ट्रपति का बजट दक्षिण और मध्य एशिया क्षेत्र के लिए “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (पीआरसी) के साथ प्रतिस्पर्धा करने, रूसी और चीनी दुष्प्रचार का मुकाबला करने और आतंकवादी समूहों को अमेरिकी सुरक्षा को खतरा पहुंचाने से रोकने के लिए कुल 1.01 अरब डॉलर की विदेशी सहायता की मांग कर रहा है।” अमेरिका ने घोषणा की कि वह दक्षिण एशिया में अतिरिक्त संसाधन स्थानांतरित करेगा, और राष्ट्रपति ने इस क्षेत्र के लिए 585.7 मिलियन डॉलर की मांग की, जो 2023-24 के बजट से 4.8 प्रतिशत अधिक है। सत्र के दौरान, श्री लू ने पाकिस्तान में चीन के “मजबूत और बढ़ते प्रभाव” को संतुलित करने की वाशिंगटन की योजना के बारे में एक सांसद के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिकी निवेश चीनी निवेश से अधिक होगा। उन्होंने कहा, “निवेश के मामले में चीन अतीत है। हम भविष्य हैं।”