मेरठ। बसपा नेताओं ने जिस योगेंद्र जाटव को मेरठ मंडल का कोऑर्डिनेटर बनाया। उन्हीं योगेंद्र जाटव ने खुद को भाजपा का सिपाही बता दिया। उनका बसपा से कोई लेना-देना नहीं है।
बसपा नेताओं ने पार्टी में अपना कद बढ़ाने के लिए मंडल कोऑर्डिनेटर के पद बांट दिए। मंडल कोऑर्डिनेटर बनाए गए योगेन्द्र जाटव ने तो खुद को भाजपा का सच्चा सिपाही बताते हुए बसपा से कोई नाता न होने की बात कही है। अब बसपा के नेता अपनी साख बचाने में जुटे हैं। यह मामला मंगलवार को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के लिए बुलाए गए सम्मेलन में भी छाया रहा। किरकिरी होता देख, बसपा नेता बगलें झांक रहे हैं। मामला पार्टी हाईकमान पहुंचा तो एक-दो पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
बसपा में उठापटक का दौर जारी है। विधानसभा चुनाव से पहले कई लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। इनमें पूर्व जिलाध्यक्ष योगेंद्र जाटव और प्रशांत गौतम और दिनेश काजीपुर भी थे। पिछले सप्ताह बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली और जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह पाल ने पार्टी से निकाले गए इन पुराने नेताओं को दोबारा से जगह दी। इतना ही नहीं योगेंद्र और प्रशांत को मंडल कोऑर्डिनेटर बना दिया। दिनेश काजीपुर को कोई पद नहीं दिया गया।