लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के 393 होम्योपैथिक फार्मासिस्ट को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इन फार्मासिस्टों का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किया गया है। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष से जुड़े हुए चिकित्सक संकोच छोड़कर रिसर्च व डेवलपमेंट के काम को आगे बढ़ायें। उन्होंने कहा कि हमारा व्यवहार मरीज और उनके परिजनों के साथ ठीक होना चाहिए। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों से चिकित्सक व अन्य स्टाफ को अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सब अपने अधिकारों की बात करते हैं लेकिन अपने कर्तव्य के बारे में भी जागरूक होने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश में पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया चल रही है। छह लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गयी। आज वह व्यवस्था का पार्ट बनकर अपना योगदान दे रहे हैं। इतनी बड़ी मात्रा में नौजवानों को नौकरी कभी नहीं मिली।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग व आयुर्वेद भारत की परम्परा से प्राचीनकाल से जुड़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग व आयुर्वेद को वैश्विक मान्यता दिलाने का काम किया। दुनिया के 90 प्रतिशत देश योग से जुड़े। योग से जुड़ने का मतलब भारत की ऋषि परम्परा से जुड़ना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपत्ति के समय कोविडकाल में आयुष काढ़ा हर परिवार का सहारा बना। मेडिकल के क्षेत्र में भारत ने छलांग लगाई है। उत्तर प्रदेश इस दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश में हो रही है। डबल इंजन की सरकार ठीक से काम कर रही है। उत्तर प्रदेश समृद्ध बन रहा है।
इस अवसर पर आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ और मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।