लखनऊ। राकेश सचान ने फतेहपुर में खुद और अपने संस्था के नाम 72 प्लॉट अलॉट करवा लेने का मामला सामने आया है। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मिनिस्टर राकेश सचान सवालों के कटघरे में खड़े दिखाई दे रहे है।
बता दें कि यह सभी प्लॉट मुख्य सड़क पर इंडस्ट्रियल जोन में आवंटित है। ऐसे में राकेश सचान खुद और योगी सरकार भी सवालों में खड़ी हो गई है। राकेश सचान उत्तर प्रदेश में सक्षम, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री हैं।
इस पूरे मामले की शिकायत लघु उद्योग भारती फतेहपुर के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने की है। सतेंद्र सिंह ने बताया कि सभी आवंटन वर्ष 2012 से लेकर 2013 के बीच किए गए हैं। जांच में एक और बड़ी बात यह भी पता चली है कि प्लॉट आवंटित करवाते समय कम से कम 10% सिक्योरिटी मनी जमा करवाई जाती हैं, लेकिन मंत्री राकेश सचान ने वह भी जमा नहीं की है।
इसके अलावा इन 72 प्लॉट में से किसी ने भी इंडस्ट्रियल यूनिट नहीं लगवाई है। उसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों और प्राधिकरण ने राकेश सचान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
ऐसे में अब शिकायत करने के बाद मंत्री राकेश सचान सवालों के कटघरे में खड़े हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चा चल रही है कि क्या योगी सरकार को अपने मंत्री के इस कारनामे के बारे में पता नहीं है और अब पता चल गया है तो क्या एक्शन लिया जाएगा। राकेश सचान की संस्थान का नाम अभिनव सेवा है।
इस मामले में राकेश सचान ने सफाई देते हुए मंत्री ने कहा, “वर्ष 2012 में मेरी दो संस्थाओं को प्लॉट आवंटित हुए थे, लेकिन विकसित नहीं हो पाए। मैं इस विभाग का मंत्री हूं।
तय किया है कि प्लॉटों का आवंटन कैंसल करवा दिया जाए। आवंटन के समय यहां कोई सुविधा नहीं थी। अब भी खेत ही हैं। जल्द ही प्लॉट दूसरे इंडस्ट्रियलिस्ट को अलॉट कर यहां सड़क, बिजली, पानी की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।”