इटावा। उत्तर प्रदेश की इटावा पुलिस ने 25 करोड रुपए के बैंक घोटाले के मामले में दो महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गिरफ्तार लोगों में जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और उनके पिता माता तथा पत्नी शामिल है।
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कोतवाली पुलिस थाने में 16 जुलाई को दर्ज कराए गए 25 करोड़ के बैंक घोटाले के मामले में पुलिस की पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि जिला सहकारी बैंक के निलंबित शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी के पिता शैलेंद्र चतुर्वेदी,माता उषा चतुर्वेदी,पत्नी मालती चतुर्वेदी और ज्वेलर्स उज्जवल पोरवाल के खाते में अखिलेश चतुर्वेदी ने बड़ी रकम डाली थी जिसके आधार पर इन चारों की गिरफ्तारी की गई है।
पुलिस पड़ताल में यह बात सामने आई है कि जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी की माता,पिता,पत्नी और ज्वेलर के खाते में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए हैं,इसके बाद पुलिस ने सभी से सिलसिलेवार ढंग से पूछताछ की है और सभी की गिरफ्तारी की गई है।
श्री कुमार ने बताया कि इटावा जिला सहकारी बैंक में करीब 25 करोड़ के घोटाले के मामले में जिला सहकारी बैंक के उपमहाप्रबंधक उमेश कुमार एवं वरिष्ठ शाखा प्रबन्धक जिला सहकारी बैंक इटावा राजीव त्रिपाठी ने शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी समेत 10 बैंक कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था जिसकी जांच गहनता से जारी है।
25 करोड़ के घोटाले के आरोप में जिला सहकारी बैंक के निलंबित वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक मुख्यालय राजीव मिश्रा, सुनीता, अतुल प्रताप सिंह, नफीसुल जैदी, उपेंद्र कुमार, रिंकी, शिवांगी शुक्ला, अमित कुमार और रिंकी के खिलाफ धारा 420,467,468,471 ओर 409 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
इस मामले में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अतुल प्रताप सिंह और अकाउंटेंट नफीसुल जैदी को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि 25 जुलाई को मुख्य आरोपी वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी को राजस्थान के राज पैलेस से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था,जब की अन्य की तलाश में कोतवाली में जुटी हुई है।
पुलिस जांच में कुछ और लोगों के संलिप्तता होने की बात भी सामने आई है। पुलिस लगातार उनकी निगरानी कर रही है। अभी तक की जांच में इस घोटाले की राशि लगभग 50 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस घोटाले में करीब तीन ऐसे लोगों के नाम भी प्रकाश में आ रहे हैं जो जांच के नाम पर मामले को लगभग दो साल तक दबाए रहे थे।
बैंक का बड़ा घोटाला होने की वजह से इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होने की आशंका है। लोन के नाम पर इस घोटाले में कई जिलों के लोग शामिल होने के तथ्य सामने आ रहे हैं। मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा तक पुलिस आरोपियों से जुड़े नेटवर्क को तलाश रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही घटना में और बड़ा खुलासा हो सकता है। उन पर भी पुलिस कार्रवाई करने की तैयारी में है।
बैंक में घोटाले का यह मामला साल 2018 से साल 2023 तक का है। 2023 के दिसम्बर माह में आई शिकायत पर पहले प्राथमिक जांच कराई गई थी। इसमें मामला सही पाए जाने पर दो कर्मचारियों वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और कैशियर नफीसुल जैदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद जांच कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की शुरुआत से जांच कराई गई। अन्य कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है।