रांची। बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस में झारखंड के सरायकेला की जिला अदालत ने 10 आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने इन आरोपियों को बीते 27 जून को ही दोषी करार दिया था। जबकि, दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
सरायकेला के एडीजे-वन अमित शेखर की कोर्ट ने बुधवार को सजा का ऐलान किया। जिन्हें सजा सुनाई गई है, उनमें मुख्य आरोपी पप्पू मंडल के अलावा भीम सिंह मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुमंत महतो, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और प्रकाश मंडल शामिल हैं।
बरी किए गए आरोपियों में सत्यनारायण नायक और सुमंत प्रधान हैं।
अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान कुल 36 लोगों ने गवाही दी। मृतक तबरेज अंसारी की पत्नी शाईस्ता परवीन की शिकायत पर मामला दर्ज कराया गया था, जिसमें पुलिस अनुसंधान के क्रम में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था। मामले के एक आरोपी कुशल महाली का निधन हो चुका है।
बता दें कि 18 जून 2019 को जमशेदपुर के पास धातकीडीह में तबरेज अंसारी को चोर बताकर भीड़ ने बुरी तरह पीटा था, जिसकी बाद में पुलिस हिरासत में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। यह मॉब लिंचिंग केस पूरे देश में चर्चित हुआ था। इसे लेकर सियासी बहस का सिलसिला छिड़ गया था। विपक्षी दलों ने राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए थे।
बताया गया था कि चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को लोगों ने पकड़ लिया था और खंभे में बांधकर उसकी पिटाई की थी। पिटाई के दौरान लोगों ने तबरेज अंसारी से ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगवाए थे। पिटाई के दौरान कुछ लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
तबरेज की पिटाई के बाद अगले दिन पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायल तबरेज को गिरफ्तार कर लिया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित कर दिया। एक मजिस्ट्रेट ने उसे जेल भेजने के आदेश दे दिए। इस दौरान तबरेज की हालत बिगड़ती गई और उसकी 22 जून को मौत हो गयी थी।