नयी दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से राजधानी में आयोजित ’13वां साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कला, संस्कृति एवम साहित्य महोत्सव’ रविवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस वार्षिक सांस्कृतिक समारोह में पद्म भूषण पंडित साजन मिश्रा और पं. स्वरांश मिश्रा, पद्मश्री रंजना गौहर (शास्त्रीय नृत्यांगना), पद्मश्री उस्ताद गुलफाम अहमद खान (रबाब वादक), और ग्रैमी नॉमिनी उस्ताद शुजात खान (सितार वादक) जैसे उत्कृष्ट कलाकारों ने भाग लिया।
इसके अलावा, सोनम कालरा, राजीव सिंह, डॉ. ममता जोशी, कव्वाल मुनव्वर मासू और फरहीद हसन खान और महबूब हुसैन खान की मधुर आवाज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि तथा शायर जैसे पद्मश्री प्रो. अशोक चक्रधर, वसीम बरेलवी, फरहत एहसास, कुँवर रंजीत चौहान, शकील आज़मी, रामायण धर द्विवेदी, अनस फैजी, जावेद मुशिरी और शाकिर देहलवी भी शामिल हुये।
इस मौके पर ओटीटी और फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता विनय पाठक, प्रकाश बेलावादी, फैज़ल मलिक, दुर्गेश कुमार, चंदन रॉय, श्रीकांत वर्मा ने आकर्षक पैनल चर्चा में वार्ता की।
अनिल शर्मा (एनएसडी) द्वारा निर्देशित और डॉ. दानिश इकबाल द्वारा लिखित प्रसिद्ध हास्य नाटक एंटी नेशनल गालिब ने दर्शकों से खूब तालियां बटोरीं। प्रदर्शनों में किस्साकर मनु सिकंदर ढींगरा की किस्सागोई ‘हीर वसीर शाह’ (मूल कहानी), दास्तान-ए-मीर तकी एमआई, दास्तान-ए-राम और श्री जानकी बैंड ऑफ वूमेन आदि कार्यक्रम शामिल थे।
साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब के कवि तथा संस्थापक कुँवर रंजीत चौहान ने कहा, “एक बार फिर दिल्ली के लोगों ने अच्छी संख्या में कार्यक्रम में भाग लेकर हमें प्रोत्साहित किया है। साथ ही, दर्शकों में ढेर सारे युवाओं को देखकर भी खुशी हुई। भारतीय कला और साहित्य हमारी जीवंत सांस्कृतिक विरासत की आत्मा हैं। हम इस मंच को बनाने और विकसित करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं जहां लोग हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को प्रदर्शन करते देख सकें। हमने भारतीय कला को उसके शुद्ध स्वरूप में प्रस्तुत करने का सचेत प्रयास किया है। हम संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के समर्थन के लिए हमेशा आभारी हैं, जिन्होंने हमारे प्रयासों का समर्थन किया है।”