ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बुधवार देर रात एक भीषण सड़क हादसा हो गया। यहां ग्वालियर के हजीरा-पुरानी छावनी के बीच ट्रिपल आईटीएम संस्थान के सामने तेज रफ्तार बस और मजदूरों से भरे ट्रैक्टर में आमने-सामने की भिड़ंत हो गई। हादसे में मजदूर और बस यात्रियों को मिलाकर करीब सोलह लोग घायल हो गए। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। बस में सवार यात्रियों के मुताबिक बस चालक की लापरवाही के चलते हादसा हुआ। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
जानकारी अनुसार हादसा पुरानी छावनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत जलालपुर के पास ट्रिपल आईटीएम के सामने मल्लगढ़ा रोड पर हुआ। यहां एक यात्रियों से भरी बस मुरैना से ग्वालियर की ओर आ रही थी। जबकि ट्रेन से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर उतरे मजदूरों को लेकर ट्रैक्टर मुरैना की ओर जा रहा था। इस दौरान मल्लगढ़ा रोड के पास दोनों वाहनों की आमने-सामने से टक्कर हो गई। टक्कर के बाद बस पलट गई। मौके पर चीख पुकार मच गई। राहगीरों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही सीएसपी महाराजपुरा नागेंद्र सिंह सिकरवार, पुरानी छावनी थाना प्रभारी विनय सिंह तोमर फोर्स के साथ पहुंच गए। पुलिस ने लोगों की मदद से बस में फंसे लोगों और मजदूरों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया। घायलों की संख्या ज्यादा होने के चलते कुछ घायलों को जिला अस्पताल मुरार, हजीरा सिविल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। घायलों में बारह मजदूर और चार यात्री शामिल हैं।
घायलाें में हरजू बाथम निवासी झांसी, रामकुमार निवासी ललितपुर, रामकिशन निवासी झांसी, रमादेवी निवासी झांसी, राजकुमारी निवासी झांसी, मूलचंद्र निवासी झांसी, कालीचरण निवासी धर्मपुरा निवाड़ी, गुड्डी देवी निवासी धर्मपुरा, पूजा निवासी झांसी, चंदु उर्फ चंद्रभान निवासी झांसी, दुर्गप्रसाद निवासी झांसी, रोहित निवासी झांसी, प्रदीप गुर्जर, जसवंत, प्रदीप और रणवीर शामिल हैं। बस यात्रियों ने बताया कि हादसा बस चालक की लापरवाही से हुआ। वह तेज रफ्तार में बस दौड़ा रहा था। मोड़ पर भी गति धीमी नहीं की। इससे यह हादसा हो गया।
एडिशनल एसपी सियाज केएम ने बताया कि एक्सीडेंट में घायलों का इलाज किया जा रहा है। कोई भी कैजुअल्टी की तस्वीर सामने नहीं आई है। वही अस्पताल में घायलों का हाल-चाल लेने पहुंचे एसडीम अतुल सिंह का कहना है कि घायलों को बेहतर इलाज मिले इसके निर्देश दिए गए हैं।