Sunday, April 27, 2025

 1952 में विलुप्त हुई सिंधली नदी होगी पुनर्जीवित, पांच करोड़ रूपए मंजूर : डीएम मनीष बंसल

सहारनपुर। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि सहारनपुर की सिंधली नदी जिसका अस्तित्व 1952 तक था और उसके बाद इस नदी पर अवैध कब्जे हो गए और बड़े-बड़े मकान बना दिए गए। इसे पुनर्जीवित करने का काम शुरू किया जा रहा है। इसके- लिए पांच करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत हुआ है।

 

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उन्होंने बताया कि नदी के ऊपर से सभी तरह का अतिक्रमण खत्म कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास तीन माह पहले शुरू किए गए थे। नकुड़ की एसडीएम  संगीता राघव इस नदी के स्थलों पर से अतिक्रमण को हटाने में लगी हुई हैं। कुछ किसान भी इस नदी की जमीन पर अवैध कब्जा कर खेती कर रहे हैं।

 

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जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि सहारनपुर आने के बाद उन्होंने राजस्व विभाग का रिकार्ड खंगाला तो 1952 के आसपास 1359 ईस्वी में  एक संकरे नाले के रूप में नदी का अस्तित्व मिला। शामली तक बहने वाली यमुना की यह सहायक सिंधवी नदी जिसकी लंबाई 36 किलोमीटर थी जिस पर अवैध कब्जे के कारण विलुप्त हो गई थी। ध्यान रहे इससे पूर्व संभल में जिलाधिकारी रहने के दौरान मनीष बंसल ने वहां की 110 किलोमीटर लंबी शोध नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के कार्यक्रम में  मनीष बंसल की सराहना की थी।

 

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सिंधली नदी का उद्गम स्थल बैंगनी हैदरपुर था। जहां से यह नदी शाहजहांपुर होते हुए सिरस्का, सनौली, सलारपुर, कल्लरहेड़ी, आलमपुर, लखनौती,शकरपुर और बीनपुर गांव तक प्रवाहित होती थी।  बाजापुर में यह नदी यमुना नदी में मिल जाती थी। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने भरोसा दिलाया कि सिंधली नदी शीघ्र ही अपने पुराने स्वरूप में दिखेगी।

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