Friday, November 22, 2024

एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले 2 गिरफ्तार

नोएडा। एमबीबीएस में एडमिशन कराने के नाम पर छात्रों से लाखो रुपए हडपकर लापता हो जाने वाले अंतरराजजीय गैंग के दो जालसाज अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस को उनके कब्जे से फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ रैंट एग्रीमैंट, 8 आधार कार्ड, 9 नये सिम कार्ड, 4 चैक बुक, 1 डैबिट कार्ड, एक मोबाईल फोन बरामद हुआ है। इस गैंग का एक मुख्य सरगना अभी फरार है। पुलिस जिसकी तलाश कर रही है।

थाना सेक्टर 126 नोएड़ा पुलिस द्वारा एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन कराने के नाम पर छात्रों से लाखों रुपए हड़पकर लापता हो जाने वाले अंतरराजिया गैंग के जालसाज दो अभियुक्तों 1. दीपक कुमार पुत्र दिनेश प्रसाद निवासी भावानगर भगवानपुर थाना सदर जनपद मुजफ्फरपुर बिहार, हाल पता मकान नं0 213 सैक्टर- एमयू-2 थाना दादरी ग्रेटर नोएडा 2. राजेश कुमार आहुजा पुत्र गुलाब चन्द्र आहुजा निवासी कटरा मोहल्ला थाना कोतवाली नगर जनपद बांदा हाल पता- राहुल यादव का किराये का मकान चोटपुर कालोनी थाना सैक्टर- 63 नोएडा को हाजीपुर अन्डरपास के पास से गिरफ्तार किया गया है।

3 जनवरी को इनसे पीड़ित एक वादिया ने थाना 126 में राजेश कुमार उर्फ जय मेहता जिसका ऑफिस ट्रुथ एडवाइजर्स करियर कंसल्टेंसी ए-14 ईको टावर फस्र्ट फ्लोर सेक्टर 125 नोएडा पंजीकृत कराया। जिसमें वादियां ने राजेश उर्फ जय मेहता द्वारा उससे बीजीएस ग्लोवल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बैंग्लूरु में एमबीबीएस के कोर्स में दाखिला दिलाने के नाम पर कुल 13,98,000 रुपये लेकर फोन स्वीच ऑफ कर अपना कार्यालय बंद कर फरार होने की शिकायत की गई थी।

इस मामले की जांच शुरू हुई तो पुलिस को पता चला की ट्रुथ एडवाइजर्स करियर कंसल्टेंसी नामक संस्था ए-14 ईको टावर फस्र्ट फ्लोर सेक्टर 125 नोएडा में अंतर्राज्य जालसाजी गैंग द्वारा संचालित की जा रही थी। जिसका सरगना चौवे है तथा जिसने अपने जय मेहता, यशवंत चौवे, चतुर्वेदी आदि कई जालसाज नाम भी रखे हैं।

इस गैंग के गिरफ्तार सदस्य दीपक का फर्जी नाम दीपेन्द्र भी है। पुलिस की अपनी जांच में ये भी पता चला की इस गैंग द्वारा नीट की परीक्षा में असफल विधार्थियों की डिटेल नैट से निकालकर उनसे सम्पर्क कर उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर उनकी काउंसलिंग करते हैं तथा किसी एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन दिलाने का आश्वासन देकर उन्हें आश्वासन वाले कॉलेज के पास बुलाकर किसी होटल में वहाँ पहले से मौजूद अपने गैंग के अन्य सदस्य से मिलवाकर जिसे उस कॉलेज का प्रशासनिक अधिकारी बताकर एडमिशन कराने के नाम पर पैसों की डीलिंग कर पैसे ले लेते हैं।

यह गैंग एक असफल विधार्थी से सम्पर्क करने के लिए एक सिम का प्रयोग करते थे। यह गैंग अपने राज्य के कॉलेज में एडमिशन के नाम पर 30-35 लाख रुपये तथा अन्य राज्य में एडमिशन के नाम पर 20-25 लाख रुपये बसूलते थे। इस गैंग के सरगना द्वारा एचडीएफसी, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई बैंक तथा इंडुसिंड बैंक आदि बैंको में 13 खाते अपने व अपने सहयोगियों के नाम से संचालित होने का पता चला है। जिनमें से पुलिस ने कुल 2,80000 रुपये सीज किए हैं। यह गैंग 3-4 वर्षों से इस तरह की घटनायें कर रहा है। जो एक स्थान पर लगभग 1-2 माह संचालित होकर अपना ऑफिस खालीकर गायब हो जाता है। अभी तक ये गैंग दिल्ली के मालवीय नगर, कानपुर, लखनऊ, नोएडा आदि शहरों में अपने ऑफिस खोल कर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।अभी तक इनके द्वारा की गयी घटनाओं से पीडित एक ही वादी का पता चला है। इसके अलावा गुजरात, लखनऊ, राजस्थान, कानपुर आदि शहरो के नीट परीक्षा में असफल छात्रों से इनके द्वारा एडमिशन के नाम पर पैसे बसूलने की बात पता चली है। यह गैंग अपने ऑफिस में रिशेपसन पर 15 दिन या 1 माह से ज्यादा किसी कर्मचारी को नहीं रखते थे तथा कुछ की सैलरी दिये बिना ही ऑफिस खाली कर गायब हो जाते थे।

इस गैंग के द्वारा अर्जित की गयी सम्पत्ति से एक अर्टिगा कार नम्बर भी बरामद की गयी है।

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