नोएडा। नोएडा की एक कंपनी से सॉफ्टवेयर विकसित करवाकर उसे धोखे से हासिल करने के मामले में यूएसए की एक कंपनी के सीईओ समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि यूएसए की कंपनी के कहने पर नोएडा की कंपनी ने दो करोड़ खर्च कर सॉफ्टवेयर को बनाया था। इसके बाद बगैर भुगतान किए धोखे से सॉफ्टवेयर को ले लिया गया।
सहायक पुलिस आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि नोएडा के सेक्टर-63 स्थित सिंट्रा इंफोटेक सॉल्यूशन कंपनी के निदेशक निपुण दीक्षित ने पुलिस से शिकायत की है कि उनकी कंपनी आईटी सेवा व उत्पाद का काम करती है।
वर्ष 2021 में यूएसए की टेक्सास स्थित सिटीऑन टेक्नोलॉजीज के सीईओ प्रीत कुमार, उनके सहयोगी प्रदीप कुप्पुसामी और एस मणिवानन ने सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन विकसित करने के लिए उनसे संपर्क किया था। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 में समझौते को ऑनलाइन अंतिम रूप दिया गया और नोएडा की कंपनी की तरफ से इस परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया गया। इस समझौते पर दोनों तरफ से हस्ताक्षर किए गए।
समझौते की शर्तों के अनुसार भुगतान का समय तय था और बिल महीने के अंत में जारी करने की बात कही गई थी। जब इस सॉफ्टवेयर पर काम होने लगा तो आरोपियों ने इस परियोजना से जुड़े इंजीनियर से संपर्क करके गुप्त रूप से उन्हें नौकरी के लिए प्रलोभन देना शुरू कर दिया। जब जुलाई 2022 में सॉफ्टवेयर का काम पूरा हो गया तो भुगतान करने से आरोपियों ने इनकार कर दिया और धोखे से सॉफ्टवेयर ले लिया। इस सॉफ्टवेयर के निर्माण में करीब दो करोड़ रुपये का खर्च आया है। इसके बाद भी आरोपी सीईओ प्रीत कुमार ने कई महीने तक भुगतान करने का झांसा दिया लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया।
आईटी कंपनी पर मालवेयर अटैक, वेबसाइट हुई हैक
इसी बीच ग्रेटर नोएडा की एक आईटी सर्विस प्रोवाइडिंग कंपनी पर मालवेयर अटैक किए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि नोएडा की एक कंपनी की तरफ से यह साइबर अटैक हुआ है। इस मामले में सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है।
साइबर क्राइम थाने की प्रभारी निरीक्षक सुश्री रीता यादव ने बताया कि ग्रेटर नोएडा स्थित केस टेक जिल्वर आईटी कंपनी के सीईओ जॉन ए ने शिकायत की है कि उनकी कंपनी आईटी सेक्टर में डिजाइनिंग, मॉडलिंग, प्रोग्रामिंग, डेटा माइनिंग समेत अन्य काम करती है।
सीईओ ने पुलिस को बताया है कि उनकी कंपनी विदेशी ग्राहकों को कई वेबसाइट के जरिए तकनीकी सेवा उपलब्ध करवाती है। नवंबर-2021 में एक दिन ये वेबसाइट ओपन नहीं हुई। फिर जांच में पता चला कि वेबसाइट को किसी ने हैक कर लिया है। हर पेज पर जंक कोड इंजेक्ट कर दिया गया। यही नहीं मालेसियस कोड अन्य जगहों पर भी डाल दिया गया।
इसके साथ ही हजारों की संख्या में वेबसाइट के जंक पेज तैयार कर दिए गए। शिकायत में दावा किया गया है कि कंपनी ने अपने स्तर पर पता लगाया तो यह जानकारी हुई कि यह अटैक और हैकिंग सेक्टर-6 स्थित एक कंपनी की तरफ से करवाई गई थी। इसके बाद वेबसाइट वापस सही से शुरू करने और पूरी व्यवस्था ट्रैक पर लाने में 7 महीने का समय लग गया। साइबर क्राइम थाने की प्रभारी ने बताया कि इस मामले में सुधांशु शर्मा नामक एक शख्स के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।